बारीक तैयार

प्रधानमंत्री की विदेश यात्राएं सभी के लिए कौतुक का विषय हैं। देस परदेस- सभी के मन में सवाल है- आखिर कोई ऐसा कर कैसे सकता है? हाल की विदेश यात्रा में प्रधानमंत्री ने कुल पांच भाषण दिए। पांचों अलग। पांचों की सामग्री अलग। और सबसे अहम बात- पांचों की स्टाइल अलग। जैसे स्विटजरलैंड में पीएम धीमे सुर में बोले, ज्यादा नहीं बोले, संस्कृति पर कोई आख्यान नहीं, और बात खत्म। क्यों? क्योंकि स्विस लोग जोर से बोलना और ज्यादा बोलना पसंद नहीं करते। और पीएम इतनी बारीकी से तैयारी करके घर से निकले थे। इसमें उनकी मदद किसने की? लोग विदेश सचिव एस. जयशंकर का नाम ले रहे हैं। एक-दो और भी बुद्धिजीवी इसमें लगे हो सकते हैं। विरोध तो जरूरी है ना…   विरोध तो जरूरी है ना – बीजेपी की सरकार बन गई, दो साल हो गए, लेकिन उसके विरोधी उसे कठघरे में आज भी उसी तरह खड़ा करते हैं, जैसे वह 1960 की जनसंघ हो। अब देखिए, हरियाणा में शिक्षा मंत्री ने आदेश जारी करके कहा कि शिक्षक जींस पहन कर स्कूल नहीं आ सकते। जवाब में शिक्षकों ने जींस पहन कर स्कूल आने को प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया। बात मुख्यमंत्री तक गई, और…

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