बहनों के खिलाफ दर्ज FIR को रद्द करने वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित; जज ने कहा- उन्हें देख ऐसा लगता है कि वे अच्छे व्यक्ति थे
|बॉम्बे हाईकोर्ट में जस्टिस एसएस शिंदे और जस्टिस एमएस कार्णिक की डबल बेंच ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की दो बहनों प्रियंका सिंह और मीतू सिंह की उस याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा, जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ बांद्रा पुलिस स्टेशन में दर्ज FIR को रद्द करने की मांग की थी। दोनों के खिलाफ सुशांत की गर्लफ्रेंड रही एक्ट्रेस रिया चक्रवर्ती ने सुशांत के लिए फर्जी मेडिकल प्रिस्क्रिप्शन तैयार करने का आरोप लगाते हुए केस दर्ज करवाया था।
7 सितंबर को बांद्रा पुलिस स्टेशन में दर्ज शिकायत के मुताबिक, प्रियंका सिंह और मीतू सिंह के कहने पर दिल्ली के डॉक्टर तरुण कुमार ने सुशांत को बिना चेक किए फर्जी मेडिकल प्रिस्क्रिप्शन तैयार किया और उन्हें दी गई दवाओं से ही अभिनेता की मानसिक स्थिति खराब हुई।
'चेहरा देख बता सकते हैं कि सुशांत अच्छे व्यक्ति थे'
मामले की सुनवाई के दौरान बेंच ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के काम की तारीफ करते हुए कहा कि कोई भी व्यक्ति अभिनेता का चेहरा देखकर बता सकता था कि वह अच्छे व्यक्ति थे। जस्टिस शिंदे ने कहा, 'मामला कुछ भी हो, सुशांत सिंह राजपूत का चेहरा देखकर कोई भी यह कह सकता था कि वह मासूम और सीधे और अच्छे व्यक्ति थे।' उन्होंने आगे कहा, 'उन्हें खासकर एमएस धोनी फिल्म में सभी ने पसंद किया।'
कोविड की वजह से फोन पर लिया प्रिस्क्रिप्शन
सुशांत की बहनों के वकील विकास सिंह ने गुरुवार को अदालत में बताया कि ‘टेलीमेडिसिन प्रैक्टिस’ संबंधी दिशा-निर्देश ऑनलाइन सलाह लेने के बाद डॉक्टरों को दवा सबंधी परामर्श देने की अनुमति देते हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के कारण राजपूत डॉक्टर के मिलने नहीं जा सके थे। इसलिए उन्होंने डॉक्टर से ऑनलाइन प्रिस्क्रिप्शन लिया था। विकास सिंह ने कहा कि यदि यह मान भी लिया जाए कि प्रिस्क्रिप्शन खरीदा गया था, तो भी इस बात का कोई सबूत नहीं है कि राजपूत ने कोई दवा खाई थी।
सरकारी वकील की दलील
मुंबई पुलिस की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील देवदत्त कामत ने कहा कि मामले में ऑनलाइन कोई सलाह नहीं ली गई थी। कामत ने कहा कि राजपूत और उनकी बहनों के बीच आठ जून, 2020 को वाट्सएप पर हुई बातचीत स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि प्रियंका ने मरीज द्वारा डॉक्टर से सलाह लिए बिना ही पर्चा हासिल किया।
कामत ने कहा, 'पुलिस के पास इस बात का सबूत है कि एक अज्ञात व्यक्ति आठ जून, 2020 को राम मनोहर लोहिया अस्पताल की ओपीडी में गया था। उसने टोकन लिया और बाद में आरोपी चिकित्सक तरुण कुमार से पर्चा लिया।
रिया के वकील की ओर से अदालत में दी गई दलील
इस बीच, चक्रवर्ती के वकील सतीश मानशिंदे ने याचिका खारिज किए जाने का अनुरोध किया और कहा कि राजपूत की मौत का एक कारण 'नशीले पदार्थों और दवाइयों का खतरनाक मिश्रण' हो सकता है। अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया।
5 एजेंसीज ने की सुशांत मामले की जांच
सुशांत 14 जून, 2020 को मुंबई के उपनगर बांद्रा स्थित अपने फ्लैट में मृत मिले थे। उनकी मौत के बाद सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, मुंबई और बिहार पुलिस ने इस मामले की जांच की, लेकिन कोई भी अभी तक अंतिम निर्णय तक नहीं पहुंचा है। सीबीआई की फाइनल रिपोर्ट भी अभी नहीं आई है।
पिता ने रिया के खिलाफ दर्ज करवाया था केस
सुशांत राजपूत की मौत के मामले में मुंबई पुलिस की जांच से नाराज उनके पिता के के सिंह ने बिहार पुलिस के समक्ष रिया चक्रवर्ती, उसके परिवार के सदस्यों और अन्य के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने और आपराधिक साजिश रचने का मामला दर्ज कराया था। इसके बाद मामला हाईकोर्ट पहुंचा और वहां से इसे सीबीआई को ट्रांस्फर कर दिया गया।