बलिया: अब रागिनी की बहन से छेड़छाड़

दिनेश चंद्र मिश्रा, बलिया
उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में छेड़खानी का विरोध करने वाली रागिनी दुबे का मामला सुर्खियों में छाया रहा था। मनचलों ने छेड़छाड़ का विरोध करने पर रागिनी की गला रेत कर हत्या कर दी थी। इस दर्दनाक घटना ने इलाके के लोगों को आंदोलित कर दिया था। अब एक बार फिर रागिनी की बहन से छेड़छाड़ की कोशिश की गई है।

बांसडीह थाना इलाके के बजहां गांव में शुक्रवार को रागिनी की छोटी बहन शिया के साथ छेड़खानी का प्रयास किया गया। इस मामले में पुलिस ने फुर्ती दिखाते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। रागिनी की उस वक्त हत्या कर दी गई थी, जब वह पड़ोस के सलेमपुर गांव में स्थित एक निजी स्कूल में पढ़ने जा रही थी। घटना के वक्त रागिनी की छोटी बहन शिया भी उसके साथ थी।

शिया अभी धरहरा स्थित एक प्राइवेट स्कूल में सातवीं क्लास की छात्रा है। रागिनी हत्याकांड में वह इकलौती चश्मदीद गवाह है। रागिनी की हत्या के मामले में अभी सारे आरोपी जेल में हैं। परिवार, खासकर रागिनी की बहन की सुरक्षा के लिए घर पर 2 पुलिसकर्मियों की तैनाती है। पुलिस के जवान ही शिया को स्कूल बस तक छोड़ने और फिर छुट्टी के बाद वापस बस स्टैंड पर लेने जाते हैं।

रागिनी के साथ क्या हुआ था?
8 अगस्त 2017 को बलिया के बांसडीह रोड थाना क्षेत्र में साइकल से स्कूल जा रही 17 वर्षीय रागिनी के साथ बाइक सवार 4 युवकों ने पहले छेड़खानी की और फिर विरोध करने पर चाकू से उसका गला रेत कर फरार हो गए थे। इस दौरान वहां मौजूद लोग तमाशबीन बने रहे। घटना की जानकारी मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने घायल रागिनी को जिला अस्पताल पहुंचाया, लेकिन उससे पहले ही रागिनी की मौत हो गई।

रागनी सलेमपुर के एक प्राइवेट स्कूल में 12वीं की पढ़ाई कर रही थी। मंगलवार को वह अपनी एक सहेली के साथ साइकल से रोजाना की तरह स्कूल जाने के लिए घर से निकली थी। शंकरपुर गांव स्थित काली मंदिर के पास पड़ोस में रहने वाले ग्राम प्रधान के लड़के और उसके दोस्त मिलकर छेड़खानी करने लगे। विरोध करने पर उन्होंने पहले रागिनी को साइकल से धक्का मारकर नीचे गिरा दिया और फिर उस पर ताबड़तोड़ चाकू से कई वार किए। इसके बाद बाइक सवार युवक फरार हो गए थे।

इस मामले में सभी 5 आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं। मुख्य आरोपी आदित्य तिवारी उर्फ प्रिंस, उसके पिता कृपाशंकर तिवारी और 3 अन्य आरोपियों पर हत्या और छेड़छाड़ के अलावा कई अन्य धाराओं में मुकदम दर्ज किया गया था। आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, 354, 348 और 345 के तहत केस दर्ज है। आदित्य समेत 2 आरोपियों को वारदात के दिन ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था, जबकि अन्य 3 आरोपियों ने बाद में अदालत में सरेंडर कर दिया था।

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