बनारसी साड़ी पर बांग्‍लादेश का ‘डाका’, पीएम मोदी से लगाई गुहार

विकास पाठक, वाराणसी
बनारसी साड़ी पर बांग्लादेश के कथित डाके के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजा गया है। इसमें बुनकरों के हितों के संरक्षण के साथ जिऑग्रफिकल इंडिकेशन (जीआई) के उल्लंघन पर कानूनी कार्रवाई की गुहार लगाई गई है। बनारसी साड़ी उद्योग पर आए संकट को लेकर इसके जीआई पंजीकरण से जुड़े 8 प्रॉपराइटर, उद्योग विभाग के संयुक्‍त आयुक्‍त उमेश सिंह की मौजूदगी में सोमवार को मीडिया के सामने आए।

इस मामले में उन्होंने बताया कि वाराणसी की प्रसिद्ध साड़ी का जीआई पंजीकरण होने से यह देश के बौद्धिक संपदा अधिकार में शामिल है। बावजूद इसके बांग्‍लादेश में धड़ल्‍ले से बन रही साड़ियों ने दुनिया के बड़े बाजार पर कब्‍जा जमा लिया है। बांग्लादेश में बनारसी साड़ी का उत्‍पादन विश्‍व व्‍यापार संगठन के ट्रिप्‍स अग्रीमेंट का खुला उल्‍लंघन है।

रजिस्‍टर्ड प्रॉपराइटर्स में शामिल ह्यूमन वेलफेयर असोसिएशन के डायरेक्‍टर डॉक्टर रजनीकांत ने बताया कि ढाका के एक समाचार पत्र में हाल में छपी रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है कि वहां के रंगपुर, गंगाछारा, हाथीपारा, सौधुपार हिस्‍सों में बड़ी संख्‍या में बनारसी साड़ी के कारखाने खुल गए हैं। यहां हजारों बुनकर रात-दिन साड़ियां तैयार कर रहे हैं तो इनकी बि‍क्री भी बनारस साड़ी के नाम पर ही हो रही है। बांग्‍लादेश के बाजार के साथ दुनिया के अलग-अलग हिस्‍सों में इसके निर्यात के चलते बनारस साड़ी की डिमांड में गिरावट का दौर है।

पीएम मोदी के साथ वाणिज्‍य एवं कपड़ा मंत्री, जीआई रजिस्‍ट्रार (चेन्‍नै) को भी इस संबंध में पत्र भेजा गया है। पत्र में देश की बौद्धिक संपदा को बचाने तथा बनारसी साड़ी के बुनकरों और अन्‍य हितों की सुरक्षा लिए अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर कानूनी कार्रवाई करने का आग्रह किया गया है।

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