बनना है स्केटिंग का स्टार
| अम्बरीश त्रिपाठी, नोएडा सेक्टर-21ए नोएडा स्टेडियम के स्केटिंग अकैडमी में स्टेट और नैशनल लेवल के स्केटर्स को स्केटिंग की ट्रेनिंग दी जा रही है। यहां यह बच्चे इस खेल की बारिकियों को सीखने के साथ सेक्टर 44 की सर्विस लेन में आउटडोर ट्रेनिंग भी करते हैं। इस आउटडोर शेड्यूल में करीब 50 और नोएडा स्टेडियम में सुबह-शाम की दो शिफ्टों में 60 से अधिक स्केटर्स ट्रेनिंग ले रहे हैं। सीख रहे हैं स्केटिंग के टिप्स यहां बच्चों को लर्निंग कैटिगरी में वॉकिंग, रोलिंग, टर्निंग (क्रॉसिंग स्टेप) और इंटरमीडिएट कैटिगरी में बॉडी पोश्चर के तहत नी बैंडिंग और बॉडी बैंडिंग के बारे में बताया जा रहा है। इसके बाद ट्रेनिंग का लेवल बढ़ते ही इन्हें बैक स्केटिंग, अलग-अलग बॉडी पोश्चर मसलन कैमल, पीकॉक सिखाया जाता है। इसके बाद आर्टिस्टिक स्टाइल की ट्रेनिंग दी जाती है, जिससे स्कूली कार्यक्रमों में बच्चे डिफरेंट बॉडी पोश्चर में परफॉर्म कर सकें। एडवांस स्टेज में स्केटर्स की क्षमता के अनुरूप उन्हें रोलर स्केटिंग या स्पीड का प्रशिक्षण दिया जाता है। स्पीड में उन्हें क्वाड्स, इनलाइन की बारीकियां बताई जाती हैं। ट्रेनिंग टाइमिंग सुबह : 5 से 7 बजे तक रोड प्रैक्टिस शाम : 6 से 7: 30 लर्निंग कैटिगरी शाम : 7:30 से 8:30 स्टेट और नैशनल लेवल के प्लेयर्स की ट्रेनिंग ट्रेनिंग के लिए शुल्क 750 रुपये प्रति माह 5 दिन सोमवार से शुक्रवार तक ट्रेनिंग दी जाती है। शनिवार रविवार को रोलर हॉकी का प्रशिक्षण दिया जाता है। कोच से बातचीत अभी तक मेरा प्रयास सफल रहा है। मेरे खिलाड़ी नैशनल-इंटरनैशनल लेवल पर खेल रहे हैं। ट्रैक को लेकर कुछ प्रॉब्लम जरूर है। यहां पर बैकेड ट्रैक न होने से हमें बवाना जाना पड़ता है। इंटरनैशनल लेवल पर नीड्स अलग होती हैं। इसके लिए हमारी तैयारी भी वैसी ही होनी चाहिए। इन्हें स्लैट ट्रैक पर ही ट्रेनिंग मिल रही है। इससे इनके प्रदर्शन पर असर पड़ता है। राजेश शैली, स्केटिंग कोच बेहतर हो रहा है खेल मैंने अभी तक अंडर-12,14 में सीबीएससी नैशनल और रोलर स्केटिंग फेडरेशन आफ इंडिया में (RSFI) पार्टिसिपेट किया है। सीबीएससी ईस्ट के नैशनल में मुझे गोल्ड मिला है। यहां कोचिंग लेने से मेरा खेल काफी बेहतर हो रहा है। आशना वाधवा, एमिटी इंटरनैशनल स्कूल सीबीएससी नैशनल में गोल्ड के साथ RSFI में मैंने भाग लिया है। मेरा प्रयास है कि मैं स्केटिंग में अपने शहर का नाम रोशन करूं। श्रेया, एमिटी इंटरनैशनल स्कूल मेरी अंडर-14, 16 सीबीएससी नैशनल की तैयारी चल रही है। इसके लिए मैं बराबर कोचिंग ले रही हूं। यहां बारीकियों को समझने में काफी मदद मिली है। मानसी गोयल, एमिटी इंटरनैशनल स्कूल मैं टैरिनो (इटली) में 26 से 30 अक्टूबर तक होने वाले अंडर 16 स्लेलोम वर्ल्ड कप की तैयारी कर रहा हूं। इसके लिए मैं स्केटिंग की हर बारीकी को समझ रहा हूं। यहां रोड प्रैक्टिस करने से मेरे खेल में काफी सुधार हो रहा है। चेतनवीर, डीपीएस ग्रेटर नोएडा मैं यहां पर रोज प्रैक्टिस के लिए आता हूं। मेरा सपना नैशनल में गोल्ड लाने का है। इसके लिए मैं तैयारी कर रहा हूं। मैंने अभी सीबीएससी ईस्ट जोन में 2 सिल्वर मेडल हासिल किए हैं। चैतन्य ध्रुव साहू, कैंब्रिज स्कूल, नोएडा स्केटिंग में जीते हैं कई पदक डीएवी स्कूल नोएडा की 10वीं की स्टूडेंट प्रीहा श्रीलाल ने स्केटिंग में नोएडा का नाम रोशन किया है। प्रीहा RSFI नैशनल -2011 में दो गोल्ड और एक ब्रॉन्ज मेडल हासिल करने के साथ 2013 के नैशनल में 3 सिल्वर मेडल जीतने वाली नोएडा की अकेली खिलाड़ी हैं। सीबीएससी नैशनल 2014 में 1 गोल्ड, 1 सिल्वर, डीएबी नैशनल में 1 सिल्वर, 3 सिल्वर RSFI में हासिल किए हैं। अभी प्रीहा 2015 सीबीएससी नैशनल, स्कूल नैशनल और रोलर स्केटिंग फेडरेशन आफ इंडिया (RSFI) की तैयारी कर रही हैं। टैलंट को पहचाना चेतनवीर शुरू से ही गेम में रुचि रखता था। मैंने इसकी रुचि को ध्यान में रखते हुए इसे स्केटिंग में डाला। मैं खुश हूं कि इसने इंटरनैशनल लेवल पर नोएडा का नाम रोशन करने के साथ ही परिवार का मान बढ़ा रहा है। संदीप कौर, चेतनवीर की मां मैंने अपनी बेटी को नोएडा स्टेडियम में ट्रेनिंग दिला रही हूं। हालांकि इसके लिए मुझे भी इसके साथ समय देना पड़ता है, लेकिन मैं खुश हूं कि यह स्केटिंग में काफी अच्छा कर रही है और नोएडा का नाम रोशन कर रही है। सुमेधा गोयल, मानसी गोयल की मां
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