बढ़ा जीएसटी कलेक्शन, अब जीएसटी दरों को कम करेगी सरकार!
|सरकार ने शनिवार को इस बात की तरफ इशारा किया है कि वह आनेवाले महीनों में जीएसटी दरों को कम कर सकती है। इस बार का जीएसटी कलेक्शन 1 लाख करोड़ रुपये के स्तर को पार कर गया है। सरकार ने मंगलवार को आंकड़े जारी करते हुए कहा था कि अप्रैल में कुल 1,03,458 करोड़ रुपये जीएसटी कलेक्शन हुआ है। जीएसटी रेट्स को कम करने के पीछे जीएसटी कलेक्शन का 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा होना भी बताया जा रहा है।
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि अगर रेवेन्यू बढ़ता है तो सरकार इसका लाभ उपभोक्ताओं को भी देना चाहेगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि रेवेन्यू के बढ़ने से फिस्कल डेफिसिट घटेगा और इन्फ्रास्ट्रकचर में अधिक से अधिक निवेश हो पाएगा। वित्त मंत्री ने बताया कि जीएसटी की मदद से ग्रोथ बढ़ रहा है क्योंकि अलग-अलग टैक्स और सेस को हटा दिया गया है और इस साल का जीएसटी कलेक्शन 13 लाख करोड़ रुपये हो सकता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ई-वे बिल का डेटा आने के बाद कुछ वृद्धि और राहत मिलने की संभावना है।
जूलाई 2017 के बाद से सरकार ने करीब 320 सामान पर रेट कम कर दिए हैं और इनमें से अधिकतर सामान 28 प्रतिशत वाले स्लैब में आते हैं। इसके साथ ही सीमेंट और पेंट पर भी रेट कम होने की जल्द उम्मीद है। अरुण जेटली ने भी जीएसटी कलेक्शन अधिक होने के फायदे गिनाए थे। साथ ही चीफ इकनॉमिक अडवाइजर अरविंद सुब्रमण्यन ने भी 28% वाले स्लैब को हटाने की बात कही थी।
बता दें कि जीएसटी को लागू हुए आज एक साल पूरा हो गया है। इस मौके पर वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को कहा कि लोगों को हर खरीद के बाद बिल की मांग करनी चाहिए जिससे कि ट्रांजैक्शन को हर लेवल पर ट्रैक किया जा सके और कच्चा बिल जैसी चीजें खत्म हो सके। इसके साथ ही सरकार अब जल्द ही एक हेल्पलाइन शुरू करने जा रही है जहां उपभोक्ता उन रिटेलर्स के खिलाफ शिकायत कर सकेंगे जो बिल देने से मना करे या कैश पेमेंट की डिमांड करे।
कुछ छोटे व्यापारियों द्वारा जीएसटी के जटिल होने की शिकायत करने पर पीयूष गोयल ने कहा कि शुरुआती खामियों के बाद आईटी सिस्टम को मदद के लिए रखा गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि इसे और भी आसान बनाने की कोशिश की जाएगी।
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