बड़े ट्रिगर के लिए इंडिया इंक कर रहा है मिलेनियल्स पर फोकस
|इंडिया की कंजम्पशन स्टोरी का रोमांच मिलेनियल्स खूब बढ़ा रहे हैं। अच्छी बात यह है कि इसको इंडिया इंक भी खूब भाव दे रहा है। देश में इस समय 45 करोड़ मिलेनियल्स हैं जो पूरी आबादी का 35% हिस्सा है। ऐसे में इनवेस्टर्स को अपना पोर्टफोलियो तैयार करते वक्त हमें इनसे जुड़ी चीजों पर गौर करने की जरूरत है। इनमें उनकी लाइफस्टाइल और कंजम्पशन हैबिट्स वगैरह शामिल हैं। मिलेनियल्स की जमात में 18 से 35 साल की उम्र वाले लोग आते हैं। बाहर खाना, खूब घूमना फिरना, दोस्तों और रिश्तेदारों से ऑनलाइन कनेक्ट रहना, ई-कॉमर्स साइट्स पर आकर्षक डील ढूंढना, स्टार्टअप आइडिया की तलाश में रहना और वीडियो ब्लॉग बनाना मिलेनियल्स की खासियत होती हैं।
मिलेनियलस की तरफ बदलाव की हवा तो पहले से ही बहने लगी है। इनकी खरीदारी के तौर-तरीकों से देश में प्रॉडक्ट्स और सर्विसेज कंजम्पशन का ट्रेंड तय होने जा रहा है। देश में कामकाज लायक उम्र वाले लोगों की संख्या में इनका प्रतिशत 47% है जिसमें लगातार बढ़ोतरी हो रही है। ये लोग पिछली पीढ़ी के अपने एज ग्रुप के लोगों के मुकाबले कम बचत कर रहे हैं और अपनी इनकम को उन चीजों पर खर्च कर रहे हैं जिनसे उनकी इच्छाएं तुरंत पूरी होती हों। यह बात एलारा सिक्योरिटीज (इंडिया) की रिपोर्ट में कही गई है। इंडिया इंक इस ट्रेंड से बनने वाले कारोबारी मौकों को मिस नहीं करना चाहता। वह पहले से ऐसा प्रॉडक्ट पोर्टफोलियो बनाने में जुटा है जो मिलेनियल्स को सूट करे।
फ्यूचर कंज्यूमर की अश्नी बियानी ने ईटी नाउ के साथ बातचीत में कहा, ‘साउथ इंडिया में नीलगिरि ब्रांड की पहुंच बहुत बढ़ी है और अब हम इसे मिलेनियल फ्रेंडली ब्रांड बनाने में जुटे हैं।’ ग्लोबल मैनेजमेंट कंसल्टेंसी फर्म हे ग्रुप के मुताबिक दुनिया की मौजूदा 740 करोड़ की आबादी का 27% हिस्सा मिलेनियल्स का है। जहां तक इंडिया की बात है तो यहां दुनिया के 23% मिलेनियल्स रहते हैं। मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि नई पीढ़ी के कंज्यूमर्स के खर्च करने के तौर तरीकों से एफएमसीजी, ई-कॉमर्स, स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरर्स, ऑटो, टेलीकॉम, एडुकेशन और सर्विसेज जैसी कुछ इंडस्ट्रीज को बहुत फायदा हो सकता है।
IIFL के फाउंडर और चेयरमैन निर्मल जैन ने हाल में हुए ईटीमार्केट्स ग्लोबल समिट 2018 में कहा था, ‘अब पहले से ज्यादा मिलेनियल्स फॉर्मल फाइनेंशियल सेक्टर में जा रहे हैं। डिजिटल स्पेस तेजी से बढ़ रहा है लेकिन इसकी पहुंच अब भी बहुत कम है।’ एलारा सिक्योरिटीज के मुताबिक मिलेनियल्स टीवी देखते हुए वर्चुअल वर्ल्ड में 162 मिनट रोजाना गुजारते हैं। ये लोग गूगल सर्चिंग के जरिए सर्फिंग करते हैं, सोशल मीडिया वेबसाइट चेक करते हैं या वीडियो एंटरटेनमेंट ढूंढते हैं। ये लोग रोज ऑनलाइन वीडियो देखने में औसतन 20 मिनट बिताते हैं। स्मार्टफोन की बढ़ती पहुंच से इस ट्रेंड को बढ़ावा मिल रहा है और 2020 तक देश में 50.1 लोगों के हाथों में स्मार्टफोंस पहुंचने का अनुमान है। 2017 में 35 करोड़ लोगों के पास स्मार्टफोंस थे।
एलारा सिक्योरिटीज ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है, ‘एफएमसीजी इंडस्ट्री की 1 से 2 पर्सेंट सेल्स ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के जरिए हो रही है और हिंदुस्तान यूनिलीवर को 1 पर्सेंट शेयर रेवेन्यू ऑनलाइन सेल से हासिल होता है।’ पैकेज्ड फूड्स का कंजम्पशन भी आनेवाले समय में बढ़ सकती है क्योंकि आज की युवा पीढ़ी के पास टाइम से ज्यादा कैश है। एलारा के मुताबिक, ‘मिलेनियल्स प्रोसेस्ड फूड से परहेज करते हैँ और इसकी झलक मॉडर्न ट्रेड ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर उनकी खरीदारी के तौर तरीकों में मिलती है।’
अच्छा और फिट दिखने की उनकी बढ़ती चाहत के चलते कंपनियों के प्रॉडक्ट पोर्टफोलियो में चेंज आ रहा है। एलारा की रिपोर्ट के मुताबिक हर 10 में चार लड़कियां फिट और स्लिम रहने के लिए एक टाइम का खाना तक छोड़ दे रही हैं। यही वजह है कि जौ, ऑर्गेनिक दूध, हर्बल और ग्रीन टी, ताजी सब्जियां, फल और फूल जैसी फूड बिजनेस करनेवाली कंपनियों को कामकाजी लोगों की बढ़ती आबादी का फायदा मिलेगा। एलारा के मुताबिक, ‘नेस्ले, HUL और मैरिको जैसी कंपनियां मिलेनियल्स की मांग के हिसाब से प्रॉडक्ट्स लॉन्च करने की कोशिशें तेज कर दी हैं।’
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