बजट 2018: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गिनाईं मोदी सरकार की आर्थिक उपलब्धियां
|संसद के बजट सत्र की शुरुआत सोमवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ हुई। अपने पहले संसद सत्र अभिभाषण में राष्ट्रपति ने मोदी सरकार की 4 साल की उपलब्धियों का लेखा-जोखा जनता के सामने रखा साथ ही संसद के इस सत्र में सरकार की प्राथमिकताओं की रूपरेखा रखी। आइए जानते हैं राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में आंकड़ों और योजनाओं के जरिए सरकार की क्या उपलब्धियां बताईं…
गरीब महिलाओं को ‘ प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना‘ ने सुविधा संपन्न महिलाओं से बराबरी करने का अवसर दिया है और सामाजिक न्याय के एक अनदेखे पक्ष का समाधान किया है। अब तक इस योजना के तहत 3 करोड़ 30 लाख से ज्यादा गैस कनेक्शन दिए जा चुके हैं।
सरकार ने Maternity Benefit Act में बदलाव करके एक बड़ा कदम उठाया है। महिलाओं को 12 सप्ताह के स्थान पर वेतन सहित, 26 सप्ताह की छुट्टी देने का प्रावधान किया गया है। अब कामकाजी महिलाओं को अपने नवजात शिशुओं की देखभाल के लिए अधिक समय मिला करेगा।
‘ जनधन योजना‘ के तहत अब तक लगभग 31 करोड़ गरीबों के बैंक खाते खोले जा चुके हैं। इस योजना के शुरू होने से पहले, देश में महिलाओं के बचत खातों की संख्या लगभग 28 प्रतिशत थी जो अब बढ़कर 40 प्रतिशत से भी अधिक हो गई है।
‘ प्रधानमंत्री मुद्रा योजना‘ के तहत अब तक लगभग 10 करोड़ लोन स्वीकृत किए गए हैं और 4 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज दिया गया है। लगभग 3 करोड़ लोग ऐसे हैं जिन्होंने पहली बार इस योजना का लाभ उठाया है और स्वरोजगार शुरू करने में सफल हुए हैं।
सरकार किसानों की आय को 2022 तक दोगुना करने के लिए प्रतिबद्ध है। किसानों को उनकी पैदावार की उचित कीमत मिल सके, इसके लिए देश की कृषि मंडियों को ऑनलाइन जोड़ने का कार्य जारी है, eNAM पर अब तक 36,000 करोड़ रुपए से अधिक की कृषि वस्तुओं का व्यापार किया जा चुका है।
‘ प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना‘ के तहत किसानों को सस्ती और सरल बीमा सेवा उपलब्ध कराई जा रही है। वर्ष 2017 के दौरान, रबी और खरीफ की फसलों के लिए, 5 करोड़ 71 लाख किसानों को इस योजना के तहत सुरक्षा कवच प्रदान किया गया है।
सरकार ने गरीबों को 1 रुपए प्रति महीना और 90 पैसे प्रतिदिन के प्रीमियम पर, बीमा योजनाएं सुलभ कराई हैं। अब तक 18 करोड़ से ज्यादा गरीब ‘ प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना‘ और ‘ प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना‘ से जुड़ चुके हैं। बुजुर्गों की सामाजिक सुरक्षा के लिए भी मेरी सरकार वचनबद्ध है। ‘ अटल पेंशन योजना‘ के तहत लगभग 80 लाख वरिष्ठ नागरिक लाभान्वित हो रहे हैं।
गरीबों के जीवन में उजाला फैलाने और उन्हें विकास की राह पर चलने के लिए समर्थ बनाने के लिए, सरकार ‘ सौभाग्य‘ योजना के तहत 4 करोड़ गरीबों को बिजली कनेक्शन दे रही है।
समाज के हर तबके तक विकास पहुंचाने की सोच के साथ, ‘ प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना‘ का कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। 2014 में केवल 56 % गांव ही सड़क संपर्क से जुड़े थे। अब 82% से ज्यादा गांव सड़कों से जुड़ चुके हैं जिनमें से अधिकांश दूर-दराज इलाकों में हैं।
‘ सीखो और कमाओ‘; ‘ उस्ताद‘; ‘ गरीब नवाज कौशल विकास योजना‘; ‘ नई रोशनी‘ आदि कार्यक्रमों के जरिए मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध, पारसी और जैन समाज के युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान किए गए हैं।
सरकार ने श्रमिकों के न्यूनतम वेतन में 40 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी की है। श्रम कानूनों के पालन के लिए रजिस्टर की संख्या 56 से घटाकर 5 कर दी गई है। अब श्रम सुविधा पोर्टल पर सभी रिटर्न ऑनलाइन भरे जाते हैं।
डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने में ‘ भीम ऐप‘ बड़ी भूमिका निभा रहा है। हाल ही में लॉन्च किए गए ‘ उमंग ऐप‘ द्वारा 100 से ज़्यादा जनसुविधाओं को मोबाइल पर उपलब्ध कराया गया है।
आधार द्वारा गरीब लाभार्थियों को उन्हें मिलने वाली सुविधाएं, बिना बिचौलियों के, सीधे पहुंच रहीं हैं। वर्तमान सरकार की 400 से अधिक योजनाओं में डिजिटल भुगतान किया जा रहा है। अब तक 57,000 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि गलत हाथों में जाने से बचाई गई है।
सरकार ने राजमार्ग क्षेत्र के एक नए वृहद कार्यक्रम ‘ भारतमाला‘ को स्वीकृति दी है। इसके लिए 5,35,000 करोड़ रुपए की राशि का प्रावधान किया गया है। नैशनल कॉरिडोर एफिशिएंसी में वृद्धि करने के लिए लगभग 53,000 किलोमीटर लंबाई के राष्ट्रीय राजमार्ग चिह्नित किए गए हैं।
‘ उजाला योजना‘ के अंतर्गत देश मे 28 करोड़ से ज्यादा LED बल्ब वितरित किए जा चुके हैं। निजी क्षेत्र द्वारा भी 50 करोड़ से ज्यादा LED बल्ब की बिक्री की गई है। इससे गरीब और मध्यम वर्ग के बिजली बिल में सालाना 40,000 करोड़ रुपए से ज्यादा की बचत हो रही है।
मेरी सरकार ने ‘ वन रैंक वन पेंशन‘ के अपने वचन को पूरा करते हुए 20 लाख से ज्यादा सेवानिवृत्त सैनिकों को 10,000 करोड़ रुपए से अधिक की बकाया राशि का भुगतान किया है।
वर्ष 2017 में विदेशी मुद्रा भंडार 410 बिलियन अमेरिकी डॉलर के स्तर से ऊपर चला गया। सरकार की प्रभावी नीतियों के कारण, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश भी पिछले 3 वर्षों के दौरान 36 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 60 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया है।
देश के आर्थिक एकीकरण के लिए, सरकार ने स्वतंत्रता के बाद का सबसे बड़ा टैक्स -सुधार, जीएसटी के रूप में किया है। कीमतों के कम होने का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंच सके, इसके लिए सरकार द्वारा National Anti-Profiteering Authority का गठन भी किया गया है।
सरकार बैंकिंग व्यवस्था को मजबूत करने और उसमें पारदर्शिता लाने के लिए भी प्रतिबद्ध है। इसके लिए 2 लाख करोड़ रुपए से अधिक के पूंजी निवेश के साथ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का री-कैपिटलाइजेशन करने का निर्णय भी किया गया है।
सरकार की इन कोशिशों के कारण ही तीन वर्षों में भारत, वर्ल्ड बैंक की ‘ इज ऑफ डूइंग बिजनस’ की रैंकिंग में 142 से 100वीं रैंक पर पहुंच गया है। इससे विश्व बाजार में देश की साख और बढ़ी।
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