फ्लिपकार्ट की वैल्यू घटने से स्टार्टअप्स पर बढ़ेगा प्रेशर
|मॉर्गन स्टैनले ने देश की दिग्गज ई-रिटेलर फ्लिपकार्ट की वैल्यू बहुत कम कर दी है। इससे ना सिर्फ फ्लिपकार्ट की फंड जुटाने की क्षमता पर नेगेटिव असर होगा बल्कि देश के ई-कॉमर्स मार्केट पर भी दबाव बनेगा। कई इन्वेस्टर्स ने बताया कि इंडिया की स्टार्टअप पोस्टरबॉय फ्लिपकार्ट की वैल्यूएशन घटाए जाने से इंटरनेट कंपनियों के वैल्यूएशन में तेजी से कमी आ सकती है।
वेंचर कैपिटल फर्म्स और हेज फंड्स ने पिछले साल के अंतिम समय में भारतीय स्टार्टअप्स में इन्वेस्टमेंट पर ब्रेक लगा दिया था। उसकी वजह इन कंपनियों की अधिक वैल्यू थी। इन्वेस्टर्स के बीच इन कंपनियों में पैसा लगाने की होड़ के चलते तब स्टार्टअप्स की काफी ऊंची कीमत लगाई जा रही थी।
मॉर्गन स्टैनले इंस्टिट्यूशनल फंड ट्रस्ट ने फ्लिपकार्ट में अपने स्टेक की वैल्यू रिपोर्टेड वैल्यू से 27 पर्सेंट कम करके आंकी है। दरअसल, ट्रस्ट ने यह कदम दुनिया भर की टेक्नॉलजी और इंटरनेट कंपनियों के मामले में उठाया है। फंड ने फाइल शेयरिंग कंपनी ड्रॉपबॉक्स और डेटा ऐनालिसिस कंपनी पैलेंटियर टेक्नॉलजीज में भी इक्विटी होल्डिंग की वैल्यू घटाई है।
इन्वेस्टमेंट फर्म जोडियस कैपिटल के मैनेजिंग डायरेक्टर नीरज भार्गव कहते हैं, ‘इंडियन बिलियन डॉलर स्टार्टअप्स या यूनिकॉर्न्स की रिपोर्टेड वैल्यूएशन के तब तक कोई मायने नहीं हैं जब तक कि कंपनी की पब्लिक मार्केट या फिर पक्का पब्लिक मार्केट इन्वेस्टर या टॉप प्राइवेट इक्विटी इन्वेस्टर की तरफ से 12 महीने तक मार्किंग नहीं होती।’ भार्गव ने कहा, ‘असल में लगभग सभी इंटरनेट कंपनी को 25 से 75 पर्सेंट तक मार्क डाउन (रिपोर्टेड वैल्यू से करेक्शन) किए जाने की जरूरत है।’ भार्गव न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग फर्म WNS के को-फाउंडर हैं।
एक जमाने में एक्सक्लूसिव माने जाने वाले यूनिकॉर्न क्लब के मेंबर्स की संख्या पिछले संख्या काफी अधिक हो गई थी। इनमें टैक्सी एग्रीगेटर कंपनी ओला के अलावा ऑनलाइन वॉलेट और मार्केटप्लेस पेटीएम सहित पांच और कंपनियों को एंट्री मिली। वैल्यूएशन अधिक होने और इन्वेस्टर्स से फंड नहीं मिलने की सूरत में बिजनस मॉडल टिकाऊ नहीं होने के चलते इनकी आलोचना भी हुई थी। 2015 से पहले सिर्फ चार इंडियन कंपनियां ही यूनिकॉर्न क्लब की मेंबर थीं। इन कंपनियों के लिए वैल्यूएशन मेंटेन करने की चुनौती बढ़ती जा रही है।
मॉर्गन स्टैनली फंड ने शुक्रवार को अपनी रेगुलेटरी फाइलिंग में फ्लिपकार्ट की वैल्यू दिसंबर में $ 103.97 प्रति शेयर लगाई थी, जो जून में $ 142.24 प्रति शेयर बताई गई थी। इस हिसाब से फ्लिपकार्ट का वैल्यूएशन 11 अरब डॉलर होता है। हालांकि, फ्लिपकार्ट ने पिछले हफ्ते ही मीडिया में बयान जारी कर कहा था कि कंपनी की वैल्यू $ 15.2 अरब (यानी लगभग 1.05 लाख करोड़ रुपये) लगाई गई है।
फ्लिपकार्ट के दूसरे इन्वेस्टर्स फिडेलिटी स्ट्रैटिजिक एडवाइजर्स ग्रोथ और वैलिक ने कंपनी में अपने स्टेक की वैल्यू क्रमश: 27 पर्सेंट और 13 पर्सेंट कम की है। कंपनी में दिसंबर 2014 में पहली बार इन्वेस्ट करने वाले टी रो प्राइस ने 31 दिसंबर को फ्लिपकार्ट में अपने स्टेक की वैल्यू $ 15.2 अरब के हिसाब से ही लगाई थी।
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