फिस्कल डेफिसिट को 3.3% से बढ़ने नहीं देंगे: गोयल

नई दिल्ली
फाइनेंस मिनिस्टर पीयूष गोयल ने कहा कि चुनावी साल होने के बावजूद सरकार मौजूदा फिस्कल ईयर में 3.3% फिस्कल डेफिसिट का टारगेट हासिल करने को लेकर कमिटेड है। गोयल ने कहा कि फिस्कल डेफिसिट टारगेट हासिल करने के लिए खर्च में कोई कटौती नहीं की जाएगी क्योंकि सरकार के पास योजनागत व्यय के लिए पर्याप्त वैकिल्पक संसाधन हैं। इस समय फिस्कल डेफिसिट 2017-18 के लिए सरकार की तरफ से रिवाइज्ड एस्टिमेट के हिसाब से जीडीपी के 3.53 पर्सेंट के बराबर है।

गोयल ने कहा, ‘इस साल फिस्कल डेफिसिट घटकर 3.3% रह जाएगा। मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि हम इस पर नजर रख रहे हैं और इस दिशा में प्रयास कर रहे हैं कि चुनावी साल होने के बावजूद फिस्कल डेफिसिट को 3.3% पर सीमित रखा जाए। मैं आपको 2013-14, 2007-08 या 2008-09 की याद दिलाना चाहता हूं जब राजनीतिक मजबूरियों के चलते फिस्कल डेफिसिट, माइक्रोइकनॉमिक स्टेबिलिटी, गुड गवर्नेंस सभी गड्डमड्ड हो गए थे।’

फरवरी में पेश यूनियन बजट 2018-19 में सरकार ने फिस्कल ईयर 2017-18 के लिए फिस्कल डेफिसिट टारगेट को 3.2 के पुराने एस्टिमेट से रिवाइज कर 3.5% कर दिया था। आंकड़ों में देखें तो फिस्कल डेफिसिट 5.91 लाख करोड़ रुपये रहा था जो बजट एस्टिमेट का 99.5% था। इंडस्ट्री बॉडी सीआईआई की तरफ से आयोजित इवेंट में गोयल ने कहा कि सरकार इकनॉमिक स्टेबिलिटी बनाए रखने की कोशिश करेगी और सभी इकनॉमिक पैरामीटर का पालन करेगी।

गोयल ने कहा, ‘आपकी ऐसी सरकार है जो यह कहने को इच्छुक है कि हम देश की जनता की महत्वाकांक्षाओं को पूरा करेंगे। हम गुड गवर्नेंस के उद्देश्यों को हासिल करेंगे। हम समाज के लिए तय सभी उद्देश्यों को हासिल करेंगे ताकि विकास का फायदा गरीब से गरीब लोगों तक पहुंचे। इसके साथ ही हम भारतीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेंगे।’ क्या क्रूड के दाम में आई तेजी से फिस्कल डेफिसिट पर नेगेटिव असर होगा? इस सवाल के जवाब में गोयल ने कहा कि सरकार इकनॉमी और प्राइस दोनों के मैनेजमेंट में जिम्मेदार रही है।

उन्होंने कहा, ‘हमने क्रूड के दाम में बढ़ोतरी के असर को फैक्टर किया है। कुछ असर को बजट से पहले फैक्टर किया गया था और कुछ को अभी किया है। वैकल्पिक स्रोतों के चलते एक्सपेंडिचर में कटौती किए बिना हम फिस्कल डेफिसिट टारगेट हासिल कर लेंगे।’ पेट्रोलियम प्रॉडक्ट्स को गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स यानी जीएसटी सिस्टम में लाने के बाबत पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस बारे में फैसला जीएसटी काउंसिल को करना है क्योंकि सरकार इस मामले में अकेले फैसला नहीं कर सकती।

गोयल ने कहा, ‘हमने एकमत होकर फैसले करने में जीएसटी काउंसिल का मान बनाए रखा है और अच्छी बात यह है कि सरकार के संघीय ढांचे में अलग अलग राज्यों में अलग अलग विचारधारा की सरकार होने के बावजूद सभी ने जीएसटी को मिलकर कामयाब बनाने की दिशा में काम किया है। अगली मीटिंग में इस बारे में चर्चा हो सकती है।’

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