फिल्म रिव्यू: बेदम और निराधार ‘हनुमान दा दमदार’
|ऐसा साफ लगा है कि फिल्मकार ने एक तो बच्चों को ध्यान में रख कहानी रची है, दूजा यह कि वे बच्चे दिमागी तौर पर भी बच्चे ही हैं।
ऐसा साफ लगा है कि फिल्मकार ने एक तो बच्चों को ध्यान में रख कहानी रची है, दूजा यह कि वे बच्चे दिमागी तौर पर भी बच्चे ही हैं।