फिल्म रिव्यू: किस दौर का है यह अफसाना? एक हसीना थी, एक दीवाना था (डेढ़ स्टार)
|शिव की परवरिश मुंबई के अंग्रेजीदां माहौल की है। लिहाजा देवधर के अवतार में वे जब शायरी करते हैं तो लगता नहीं कि उन्होंने अल्फाजों व जज्बातों को महसूस किया है।
शिव की परवरिश मुंबई के अंग्रेजीदां माहौल की है। लिहाजा देवधर के अवतार में वे जब शायरी करते हैं तो लगता नहीं कि उन्होंने अल्फाजों व जज्बातों को महसूस किया है।