फिल्म रिव्यूः जानदार नहीं है शाहिद-आलिया की ‘शानदार’
|‘डेस्टिनेशन वेडिंग’ पर फिल्म बनाने से एक सहूलियत मिल जाती है कि सभी किरदारों को एक कैशल(हिंदी में महल या दुर्ग) में ले जाकर रख दो। देश-दुनिया से उन किरदारों का वास्ता खत्म। अब उन किरदारों के साथ अपनी पर्दे की दुनिया में रम जाओ। कुछ विदेशी चेहरे दिखें भी