फिर से धरना मोड में आई AAP
|पंजाब विधानसभा और दिल्ली एमसीडी चुनाव के परिणाम के बाद मौन मुद्रा में जाने वाली आम आदमी पार्टी एक बार फिर से धरना प्रदर्शन मोड में आ गई है। दिल्ली में AAP सरकार के ढाई साल बीतने के बाद यह काम फिर से शुरू किया गया है। माना जा रहा है कि यह सारी कवायद केवल AAP को राष्ट्रीय प्लैटफार्म पर मजबूत करने के लिए नहीं की जा रही है, बल्कि कांग्रेस जनता के बीच खोया स्पेस दोबारा हासिल न कर सके, इस बात का भी ध्यान रख रहे हैं।
पंजाब और दिल्ली एमसीडी चुनाव में AAP के सामने जो परिणाम निकल कर आए, उसमें एक चीज यह भी देखने को मिली कि कांग्रेस धीरे-धीरे अपना वोट बैंक वापस पाती जा रही है। यह बात AAP के लिए बेहद चिंता जनक है। बवाना उपचुनाव में AAP को जीत मिली लेकिन यहां भी देखने का मिला कि कांग्रेस को भी पहले के मुकाबले कुछ ज्यादा वोट मिले। इसके अलावा पिछले ढाई वर्षों में नेगेटिव कैंपेन के चलते AAP के प्रति आम जनता का मन डगमगाया है। इन सब पहलुओं को जानने के बाद अब AAP फिर से धरना प्रदर्शन की पॉलिसी को अपना रही है। लेकिन फिलहाल इस बात पर जोर दिया जा रहा है कि धरना प्रदर्शन पार्टी के मुद्दों को लेकर नहीं बल्कि आम लोगों से जुड़े विषयों पर किए जाए।
इसके पीछे का सबसे महत्वपूर्ण कारण यह भी है कि कांग्रेस तेजी से जनता के मुद्दों पर केंद्र सरकार और बीजेपी के खिलाफ देशव्यापी प्रदर्शन आदि करने में जुट गई है। शुक्रवार को AAP ने दिल्ली भर में अपने विधायकों के साथ मिल कर अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में पेट्रोल व डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर विरोध प्रदर्शन किए। कुछ दिन पहले की बात करें तो कांग्रेस ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया था और दिल्ली में इसे व्यापक तौर पर उठाने का ऐलान भी किया था। AAP की रणनीति यही रहती है कि ऐंटी इनकम्बेंसी का लाभ उठाया जाए। दिल्ली में चुनाव जीतने से पहले AAP ने शीला सरकार के खिलाफ जोर-शोर से अभियान चलाया था, जिसका लाभ उसे मिला था। पंजाब में भी AAP ने यही किया लेकिन सोच के अनुसार उसे फायदा नहीं मिला।
AAP सूत्रों के अनुसार यह सब कवायद 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए की जा रही है। खबरों के माध्यम से ऐसी बात भी सामने आ रही है कि बीजेपी 2018 में ही देश में आम चुनाव करवा सकती है। इसलिए हमारी पार्टी अब हर मोर्चे पर केंद्र सरकार की कमियों को उजागर करने के लिए हर संभव प्रयास करेगी। इतना ही नहीं दिल्ली में अपनी पकड़ को मजबूत करने के लिए और जनता के बीच अपनी पुरानी छवि को बरकरार रखने के लिए अब दिल्ली और देश से जुड़े हर मुद्दे को हम जोर शोर से उठाएंगे और सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन करेंगे।
पंजाब विधानसभा और दिल्ली एमसीडी चुनाव के परिणाम के बाद मौन मुद्रा में जाने वाली आम आदमी पार्टी एक बार फिर से धरना प्रदर्शन मोड में आ गई है। दिल्ली में AAP सरकार के ढाई साल बीतने के बाद यह काम फिर से शुरू किया गया है। माना जा रहा है कि यह सारी कवायद केवल AAP को राष्ट्रीय प्लैटफार्म पर मजबूत करने के लिए नहीं की जा रही है, बल्कि कांग्रेस जनता के बीच खोया स्पेस दोबारा हासिल न कर सके, इस बात का भी ध्यान रख रहे हैं।
पंजाब और दिल्ली एमसीडी चुनाव में AAP के सामने जो परिणाम निकल कर आए, उसमें एक चीज यह भी देखने को मिली कि कांग्रेस धीरे-धीरे अपना वोट बैंक वापस पाती जा रही है। यह बात AAP के लिए बेहद चिंता जनक है। बवाना उपचुनाव में AAP को जीत मिली लेकिन यहां भी देखने का मिला कि कांग्रेस को भी पहले के मुकाबले कुछ ज्यादा वोट मिले। इसके अलावा पिछले ढाई वर्षों में नेगेटिव कैंपेन के चलते AAP के प्रति आम जनता का मन डगमगाया है। इन सब पहलुओं को जानने के बाद अब AAP फिर से धरना प्रदर्शन की पॉलिसी को अपना रही है। लेकिन फिलहाल इस बात पर जोर दिया जा रहा है कि धरना प्रदर्शन पार्टी के मुद्दों को लेकर नहीं बल्कि आम लोगों से जुड़े विषयों पर किए जाए।
इसके पीछे का सबसे महत्वपूर्ण कारण यह भी है कि कांग्रेस तेजी से जनता के मुद्दों पर केंद्र सरकार और बीजेपी के खिलाफ देशव्यापी प्रदर्शन आदि करने में जुट गई है। शुक्रवार को AAP ने दिल्ली भर में अपने विधायकों के साथ मिल कर अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में पेट्रोल व डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर विरोध प्रदर्शन किए। कुछ दिन पहले की बात करें तो कांग्रेस ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया था और दिल्ली में इसे व्यापक तौर पर उठाने का ऐलान भी किया था। AAP की रणनीति यही रहती है कि ऐंटी इनकम्बेंसी का लाभ उठाया जाए। दिल्ली में चुनाव जीतने से पहले AAP ने शीला सरकार के खिलाफ जोर-शोर से अभियान चलाया था, जिसका लाभ उसे मिला था। पंजाब में भी AAP ने यही किया लेकिन सोच के अनुसार उसे फायदा नहीं मिला।
AAP सूत्रों के अनुसार यह सब कवायद 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए की जा रही है। खबरों के माध्यम से ऐसी बात भी सामने आ रही है कि बीजेपी 2018 में ही देश में आम चुनाव करवा सकती है। इसलिए हमारी पार्टी अब हर मोर्चे पर केंद्र सरकार की कमियों को उजागर करने के लिए हर संभव प्रयास करेगी। इतना ही नहीं दिल्ली में अपनी पकड़ को मजबूत करने के लिए और जनता के बीच अपनी पुरानी छवि को बरकरार रखने के लिए अब दिल्ली और देश से जुड़े हर मुद्दे को हम जोर शोर से उठाएंगे और सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन करेंगे।
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