फिर आएगा DS-1, कारोबारी नाराज
|राजधानी के कारोबारियों के लिए बुरी खबर है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने DS-1 फार्म को वापस लेने की कल घोषणा तो की लेकिन रात ही उन्होंने ट्वीट कर दिया कि सरकार इसे आसान बनाकर फिर से लागू करेगी। सीएम की इस घोषणा का विरोध शुरू हो गया है और कारोबारी अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं। इस मसले पर उन्होंने आज एक बड़ी बैठक आयोजित की है। जिसमें तय होगा कि इस फार्म के खिलाफ उनकी प्रस्तावित एक दिन की हड़ताल और आंदोलन जारी रखा जाए या उसे टाला जाए।
वैट विभाग द्वारा 1 जून से लागू किए जा रहे DS-1 का दिल्ली के कारोबारी लगातार विरोध कर रहे थे। इसके खिलाफ उन्होंने 31 मई को एक दिन का दिल्ली कारोबार बंद की घोषणा की थी। मामले की नजाकत को समझते हुए सीएम ने कल दिल्ली सचिवालय में कारोबारियों के साथ एक बैठक बुलाई, जिसमें उन्होंने DS-1 फार्म को वापस लेने की घोषणा की। लेकिन रात को सीएम ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक ट्वीट डाला कि सरकार कारोबारियों के विरोध को देखते हुए DS-1 फार्म को वापस ले रही है। अब इसे कारोबारियों की सलाह के बाद आसान बनाकर फिर से लागू किया जाएगा। जिसके बाद कारोबारियों में फिर से सरकार के खिलाफ गुस्सा बढ़ने लगा।
इस फार्म के खिलाफ आंदोलन कर रहे कारोबारियों ने एक एक्शन कमिटी ने इस मसले पर आज कारोबारियों की एक बड़ी बैठक आयोजित की है। कमिटी के संयोजक प्रवीण खंडेलवाल व अध्यक्ष कैलाश गुप्ता के अनुसार हमने सरकार से DS-1 को पूरी तरह वापस लेने की मांग की थी, लेकिन सीएम ने इसे फिर से लागू करने की घोषणा कर हमारे साथ विश्वासघात किया है। उन्होंने सीएम की घोषणा पर भी सवाल उठाए और कहा कि इस फार्म को रद्द करने की घोषणा का नोटिफिकेशन होना चाहिए, जिसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। उन्होंने कहा कि बैठक में 100 से अधिक कारोबारी संगठनों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। जिसमें सीएम के बयान पर विचार होगा। उसके बाद यह निर्णय लिया जाएगा कि 31 मई के प्रस्तावित कारोबार बंद पर कायम रखा जाए या उसे टाल दिया जाए। अगर सहमति बनी तो सरकार के खिलाफ आंदोनल किया जाएगा।
इस मसले पर कारोबारी संगठन आम आदमी पार्टी के ट्रेड विंग से भी खासे नाराज हैं। उनका कहना है कि जब सीएम के साथ हुई बैठक के बाद विंग के पदाधिकारियों ने भी इस फार्म को वापस लेने की बात कही थी। लेकिन शाम को विंग की ओर से हमें यह संदेश क्यों भेजा जा रहा है कि इसे कारोबारियों की सलाह के बाद लागू किया जाएगा। यह तो कारोबारियों के साथ धोखाधड़ी है। भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के महासचिव हेमंत गुप्ता व दिल्ली गुड्स ट्रांसपोर्ट ऑर्गनाइजेशन के अध्यक्ष राजेंद्र कपूर के अनुसार DS-1 को वापस लेने पर कारोबारियों की एक समस्या का समाधान हो पाएगा, लेकिन सरकार इस पर भी ढुलमुल रवैया अपना रही है। उन्होंने कहा कि अभी तो कारोबारियों के सामने कोड सिस्टम के अलावा DS-2 फार्म और वैट रिफंड का मसला अटका हुआ है। इनको लेकर भी सरकार लापरवाही बरत रही है, जिसको लेकर कारोबारी जगत एक बार फिर से आंदोलित हो सकता है।
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