फिर अशांत करने वाला खत
|मैंने पेंडिंग मुद्दों पर अरविंद को एक नोट लिखा है। ये वही मुद्दे हैं, जिनकी चर्चा पार्टी के अंदर और बाहर चल रही है। – प्रशांत भूषण प्रमुख संवाददाता, नई दिल्ली आम आदमी पार्टी में विरोध के बाद पीएसी से निकाले गए संस्थापक सदस्य प्रशांत भूषण की केजरीवाल को लिखी चिट्ठी सामने आने से बुधवार को फिर विवाद को हवा मिल गई। मीडिया में खबरें आईं कि भूषण ने चेतावनी दी है कि अगर उनके मुद्दों पर गंभीरता से विचार नहीं किया गया, तो वह पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे देंगे। गौरतलब है कि प्रशांत अब भी राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य हैं। बाद में, भूषण ने इस्तीफे की पेशकश की खबरों को गलत बताया। लेकिन चिट्ठी लिखने की बात मानी। भूषण ने कहा, मैंने चिट्ठी में लंबे समय से पेंडिंग मुद्दों की याद दिलाते हुए कहा है कि इन पर विस्तार से बात होनी चाहिए। सूत्रों के मुताबिक, भूषण ने पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र, स्वराज, फंडिंग और कामकाज में पारदर्शिता, फैसलों में वॉलंटियर्स की भागीदारी, राज्य इकाइयों को आजादी, पार्टी को व्यक्ति की बजाय मुद्दों पर केंद्रित बनाने जैसे मुद्दे उठाए हैं। दूसरी ओर, इन्हीं मुद्दों पर योगेंद्र यादव की ओर से भी इस्तीफे की पेशकश की चर्चा रही, जिसे योगेंद्र ने भी गलत बताया।
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