प्रतापगढ़ के एमएलए राकेश वर्मा डालते हैं दो जगह से वोट

प्रतापगढ़
प्रतापगढ़ जिले के विश्वनाथगंज विधायक राकेश कुमार वर्मा उर्फ डॉक्टर आर.के. वर्मा दो जिलों में डालते है वोट। इन्हें आयोग के नियमों, मताधिकार, लोकतांत्रिक प्रक्रिया की जानकारी नहीं है।

विधायक राकेश वर्मा प्रतापगढ़ की विश्वनाथगंज विधानसभा में मान्धाता ब्लॉक के सराय देवराय के वोटर हैं। उन्होंने विधानसभा चुनाव में किया था मताधिकार और अब इलाहाबाद के फूलपुर उपचुनाव में बूथ संख्या 197 पर मतदान किया। आर के वर्मा अपना दल के अनुप्रिया गुट से विधायक हैं। फूलपुर में है आर के वर्मा तो प्रतापगढ़ में राकेश कुमार वर्मा।

चुनाव से पहले नेता खुद को जनसेवक बताते है तो चुनाव जीतने के बाद जिस संविधान की रक्षा की शपथ लेते है उसकी धज्जियां उड़ाने में जुट जाते है। खुद को देश और संविधान से भी बड़ा समझने लगते है माननीय। प्रतापगढ़ की विश्वनाथगंज विधान सभा के सराय देवराय के रहने वाले डॉ आर के वर्मा इलाहाबाद के सोरांव विधानसभा के सोरांव बाजार में निजी अस्पताल चलाते है और इसी अस्पताल में पूरे कुनबे के साथ ऊपरी मंजिल पर स्थाई तौर पर रहते है।

विश्वनाथगंज विधान सभा के सराय देवराय मतदाता सूची में वर्तमान फाइनल पुनरीक्षण में भी भाग संख्या 245 में के क्रम संख्या 403 पर जिसका वोटर कार्ड नम्बर up/24/118/0804346 अंकित है जिस पर विधान सभा के चुनाव में मतदान भी किया था। एवं 2014 के चुनाव में रिटर्निंग ऑफिसर के समक्ष प्रस्तुत प्रारूप 26 में खुद दर्शाया है की भाग संख्या 210 के क्रम संख्या 375 पर अंकित होने का शपथपत्र भी दिया है।

रविवार यानी 11 मार्च को हुए उपचुनाव में माननीय ने भारत निर्वाचन आयोग के नियमो की धज्जियां उड़ाते हुए फूलपुर लोकसभा की सोरांव विधानसभा के बूथ संख्या 197 पर मतदान किया। बेशर्मी की हद तो तब हो गई जब माननीय जी मतदान के बाद बाहर निकल कर पुलिसकर्मियों के साथ स्याही वाली उंगली दिखाते फोटो सेशन करवाया और वॉट्सऐप ग्रुपों में और अपने फेसबुक वॉल पर खुद ही पोस्ट भी कर डाला। सोशल मीडिया में फोटो आने के बाद जहा विपक्षी इसे लेकर चुनाव में फर्जी मतदाता बढ़वाने की दलील के रूप में पेश कर रहे है, तो वहीं आम चर्चा बनी है कि माननीय है कानून से ऊपर जहा जहा चाहे वोटर बन कर वोटिंग कर सकते।

इस बाबत हमने कानून के विशेषज्ञ बात की उनका कहना है कि एक से अधिक जगह अगर कोई मतदाता अपना नाम वोटर लिस्ट में नाम डलवाता है चाहे वह एक क्षेत्र में हो या अलग अलग क्षेत्रों में नाम दर्ज हो। मतदान भले ही एक ही जगह किया हो उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 171डी का उल्लंघन है। इस तरह के मामले में एक साल की सजा और जुर्माने का प्राविधान है। अगर कोई जनप्रतिनिधि ऐसा करता है तो उसे अदालत को और सख्त सजा देनी चाहिए, ताकि लोग ऐसा करने से डरे।

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