पेट्रोल, डीजल पर एक्साइज ड्यूटी कम करने से बढ़ेगा राजकोषीय घाटा: मूडीज
|रेटिंग एजेंसी मूडीज ने आगाह किया है कि पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में किसी तरह की कटौती पर सरकारी खर्च में उतनी ही कटौती न की गई तो राजकोषीय घाटा बुरी तरह प्रभावित होगा। सरकार पर इस समय पेट्रोल और डीजल कीमतों को नीचे लाने के लिए एक्साइज ड्यूटी में कटौती का दबाव बढ़ रहा है।
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अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम ऊंचाई पर है, जिससे देश में पेट्रोल, डीजल के दाम बढ़ गए हैं। सरकारी अनुमान के अनुसार पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में प्रत्येक एक रुपये की कटौती से करीब 13,000 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होगा। मूडीज ने कहा कि सॉवरेन रेटिंग प्रदान करने के लिए राजकोषीय मजबूती पर नजदीकी निगाह रखी जाती है।
भारत के लिए सबसे बड़ी चुनौती राजकोषीय हालत को और मजबूत बनाने की है जो अन्य बीएए रेटिंग वाले देशों की तुलना में सबसे कम मजबूत पर है। मूडीज इन्वेस्टर सर्विस के वाइस प्रेजिडेंट और सीनियर क्रेडिट ऑफिसर (सॉवरेन जोखिम समूह) विलियम फॉस्टर ने पीटीआई कहा, ‘राजस्व में किसी तरह की कटौती, चाहे यह पेट्रोल, डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में कटौती या किसी अन्य तरीके से हो, की भरपाई के लिए खर्चों में कटौती जरूरी है।’
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मूडीज ने पिछले साल 13 वर्ष में पहली बार भारत की सॉवरेन रेटिंग को बढ़ाकर स्थिर परिदृश्य के साथ बीएए 2 किया था। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 3.3 प्रतिशत पर लाने का लक्ष्य रखा है। बीते वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 3.53 प्रतिशत था।
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