पूर्व महिला अधिकारी के आवेगपूर्ण निर्णय को ‘दबाव’ नहीं कह सकते
|कोई न्यायिक अधिकारी आवेग में निर्णय नहीं ले सकता क्योंकि उसका मुख्य काम किसी परिस्थिति से प्रभावित हुए बिना निर्णय लेना है! सालिसिटर जनरल ने बताया कि यदि कोई व्यक्ति अनियमित और अनुचित स्थानांतरण का सामना करता है तो इसके लिए पूरी संस्था को दोषी नहीं ठहराया जा सकता।