पुराने नोटों की गिनती अभी भी जारीः आरबीआई
|नोटबंदी के दौरान चलन से बाहर किए गए पुराने नोटों की गिनती अब भी जारी है। नोटबंदी के बाद बैंकों में जमा कराए गए 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों की गिनती के लिए 66 अत्याधुनिक करेंसी वेरिफिकेशन प्रोसेसिंग मशीन यानी मुद्रा गणना एवं प्रसंस्करण मशीनों (सीवीपीएस) का इस्तेमाल किया जा रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने यह जानकारी दी।
गौरतलब है कि रिजर्व बैंक ने 2016-17 की अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा था कि पुराने बंद किए गए 500, 1,000 रुपये के 15.28 लाख करोड़ रुपये यानी 99 प्रतिशत नोट बैंकिंग सिस्टम में लौट आए हैं। बैंक ने कहा कि 15.44 लाख करोड़ रुपये के पुराने नोटों में से केवल 16,050 करोड़ रुपये के ऐसे नोट ही बैंकिंग तंत्र में नहीं आए हैं।
आरबीआई के अनुसार नोटों की गिनती के लिए इन आधुनिक मशीनों की खरीद के लिए इंटरनैशनल स्तर पर निविदा जारी की गई थी। आरबीआई ने सूचना के अधिकार कानून (आरटीआई) के तहत इस संबंध में की गई पूछताछ के जवाब में यह जानकारी दी।
आरबीआई ने कहा कि इस समय पुराने नोटों की गिनती के लिए 59 आधुनिक गणना मशीनें काम पर लगी हुई हैं। सात सीवीपीएस मशीनों को लीज यानी पट्टे पर लेने का काम चल रहा है। इसके साथ ही वाणिज्यिक बैंकों के पास उपलब्ध सात मशीनों को भी इस्तेमाल में लाया जा रहा है। इन मशीनों को पट्टे पर लेने के शुल्क के बारे में पूछे गए सवाल पर आरबीआई ने कहा कि जो सूचना मांगी गई है वह वाणिज्यिक विश्वास के रुप में है और इसलिए सूचना के अधिकार (आरटीआई) कानून 2005 की धारा 8 (1) डी के तहत इस तरह की जानकारी देने से छूट संभव है। इसका मतलब है कि आरबीआई के पास इस सवाल का जवाब न देने का अधिकार हैं।
रिजर्व बैंक ने कहा है कि उसके कार्यालयों में 59 सीवीपीएस मशीनें इस्तेमाल में लाई जा रही हैं और एक निरीक्षक की निगरानी में पांच लोगों का समूह इसका संचालन कर रहा है। इसके अलावा कई अन्य लोग भी इस पूरी प्रक्रिया में शामिल हैं।
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