पीसीबी ने बीसीसीआई से कहा- या तो खेलो क्रिकेट या दो मुआवजा
|पिछले कुछ सालों से भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट संबंधों में लगातार कड़वाहट आती जा रही है। राजनीति कारणों से ये हालात और खराब ही हुए हैं। बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड) 2012 से ही दोनों देशों के बीच सीरीज पर अनिच्छा जताती रही है। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड इसको हजम करने को तैयार नहीं है और उसने आईसीसी से अपील की है कि वह इस मामले में हस्तक्षेप करे। इस विवाद को इस बार हवा दी है कि पीसीबी की कार्यकारी समिति के चेयरमैन नजम सेठी ने।
सेठी ने पाक मीडिया से कहा कि उन्होंने आईसीसी के सामने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत द्वारा दोनों देशों के बीच क्रिकेट के इनकार से उसे काफी नुकसान हुआ है क्योंकि बीसीसीआई ने कई सीरीज के लिए समझौता किया था और वह इसे पूरा नहीं कर रही है। उनकी मांग है कि या तो भारत पाक के साथ क्रिकेट खेलने पर सहमति दे या फिर इस नुकसान की भरपाई करे।
सेठी ने बताया कि दोनों देशों के बीच 2014 में एक समझौता ज्ञापन साइन हुआ था कि दोनों के बीच 2015 से 2023 के बीच 6 सीरीज खेली जाएंगी, लेकिन बाद में राजनीतिक तनाव की वजह से बीसीसीआई इस बात से मुकर गई। यहां तक कि बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने आईसीसी से यह अपील भी कि उनके टूर्नमेंट्स में दोनों देशों को एक ही ग्रुप में न रखा जाए। बोर्ड पाक के साथ श्री लंका में दिसंबर, 2015 में वन-डे सीरीज के लिए तैयार हो गया था, लेकिन भारत सरकार ने उसके लिए अनुमित नहीं दी और श्रृंखला को रद्द करना पड़ा।
दोनों देशों के बीच दिसंबर, 2012 से कोई भी द्विपक्षीय सीरीज नहीं खेली गई है। आखिरी बार पाकिस्तान ने 2012 वन-डे सीरीज के लिए भारत का दौरा किया था। हालांकि, दोनों देश कई आईसीसी टूर्नमेंट्स में एक-दूसरे के सामने आ चुके हैं। यह पहली बार नहीं है, जब पीसीबी इस मामले को सार्वजनिक मंच पर लेकर आया है। इससे पहले वह इस मुद्दे को आईसीसी की जनरल मीटिंग (पिछले महीने दक्षिण अफ्रीका) में भी उठा चुका है।
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