पार्किंग साइटों के ई-टेंडर रद्द

विशेष संवाददाता, नई दिल्ली

नॉर्थ एमसीडी ने हाल ही में अपने इलाके की 31 पार्किंग साइटों के ई-टेंडर रद्द कर दिए हैं। आरोप है कि इस घोटाले में अफसरों व ठेकेदारों ने मिलीभगत की थी, जिसके चलते एमसीडी को मोटा चूना लगने जा रहा था। अब निर्णय लिया गया है कि पार्किंग के टेंडर ऑल इंडिया स्तर पर होंगे ताकि इनके आवंटन में अधिक पारदर्शिता रहे। नए टेंडर शीघ्र जारी किए जाएंगे।

नॉर्थ एमसीडी मेयर प्रीति अग्रवाल के अनुसार 31 पार्किंग साइट के लिए जारी किए गए टेंडर को तुरंत प्रभाव से रद्द कर दिया गया है। उनका कहना है कि जांच में पता चला कि ई-टेंडरिंग में कंपटीशन का अभाव था, जिसके चलते मात्र छह कंपनियों को ही इन सभी पार्किंग का ठेका मिल गया। यह पूछे जाने पर कि क्या इस घोटाले में अफसरों और ठेकेदारों की मिलीभगत शामिल है। उनका कहना था कि इसकी जांच चल रही है। दोषी पाए जाने पर अफसरों के खिलाफ एक्शन होगा और ठेकेदार को ब्लैक लिस्टेड कर दिया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि पार्किंग सिस्टम एमसीडी की आय का प्रमुख स्रोत है, इसलिए अब इस प्रकार की टेंडरिंग ऑल इंडिया स्तर की होगी ताकि ज्यादा कंपनियां भागीदारी करें और अधिक पारदर्शिता भी नजर आए। मेयर के अनुसार जल्द ही नए टेंडर जारी कर दिए जाएंगे।

गौरतलब है कि पिछले दिनों नॉर्थ एमसीडी ने कई बड़ी पार्किंग समेत 31 पार्किंग स्थलों का ई-ऑक्शन किया गया। इसके लिए 38 ठेकेदारों ने आवेदन किया गया था। लेकिन इनमें से 32 ठेकेदारों को ऑक्शन से हटाकर मात्र छह ठेकेदारों को सभी पार्किंग का ठेका दे दिया गया। इन सभी पार्किंग का मिलाकर रिजर्व प्राइज 79.45 लाख रुपये रखा गया और अधिकतर का प्राइज एक-दो हजार रुपये बढ़ाकर इन सभी को 80.52 लाख रुपये में बेच दिया गया। जिसके बाद यह आरोप लगे कि ऑक्शन में भारी गड़बड़ी की गई है। नॉर्थ एमसीडी में नेता प्रतिपक्ष व आप पार्षद राकेश कुमार ने आरोप लगाया था कि टेंडरिंग में लाखों नहीं बल्कि करोड़ों का घोटाला हुआ है, क्योंकि ठेका पाने वाली कंपनियां करोड़ों रुपये कमाती। यह बात भी हैरानी की है कि पांच साल के लिए ठेका दिया गया था, जबकि ठेका हमेशा एक साल के लिए दिया जाता है। उन्होंने इसे एमसीडी के बीजेपी नेताओं का सबसे बड़ा घोटाला करार दिया है।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।

दिल्ली समाचार, खबर, हिन्दी Political News Delhi