पार्किंग मिसयूज: लिस्ट बननी शुरू, किसी भी वक्त एक्शन
|एमसीडी ने रिहायशी प्रॉपर्टी में बनी पार्किंग की लिस्ट बनानी शुरू कर दी है। ये लिस्ट उन पार्किंग की बनाई जा रही है, जहां पार्किंग के बजाय उसका मिसयूज किया जा रहा है। इसके बाद ऐसी पार्किंग को सील करने का एक्शन शुरू कर दिया जाएगा। मिसयूज पार्किंग सील करने को लेकर मॉनिटरिंग कमेटी के आदेश का खौफ एमसीडी पर इतना भारी है कि संबंधित विभागों के अफसरों को तुरंत एक्शन करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। पार्किंग सील करने का एक्शन किसी भी वक्त शुरू हो सकता है। दूसरी ओर मॉनिटरिंग कमिटी का कहना है कि वह अपने आदेश का लगातार रिव्यू करेगी। कमिटी ने एमसीडी से 28 फरवरी को एक्शन टेकन रिपोर्ट मांगी है।
मॉनिटरिंग कमिटी ने कल तीनों एमसीडी कमिश्नरों को पत्र लिखकर आदेश दिए थे कि राजधानी में जिस भी रिहायशी प्रॉपर्टी में बनी स्टिल्ट पार्किंग का मिसयूज किया जा रहा है, उसे तुरंत सील किया जाए। मॉनिटिरंग कमिटी के खौफ का आलम यह है कि कमिश्नर ऑफिस को दोपहर उसका आदेश मिला और शाम से पहले ही सीलिंग एक्शन करने के आदेश सभी अडिशनल कमिश्नर (इंजीनियरिंग), जोनल डिप्टी कमिश्नर के अलावा सुपरिटेंडेंट इंजीनियर बिल्डिंग (हेडक्वॉर्टर) को जारी कर दिए गए। सुबह जो जानकारी मिली थी, उसके अनुसार सीलिंग को लेकर सरगर्मी का दौर शुरू हो चुका था।
सूत्र बताते हैं कि सीलिंग एक्शन को लेकर सुबह एमसीडी के आला अफसरों ने मीटिंग भी शुरू कर दी है। फील्ड अफसरों को कहा गया है कि वे अपने-अपने इलाके में जाएं और सभी रिहायशी प्रॉपर्टी पार्किंग को चेक कर उनकी लिस्ट बनाए, जहां उनमें मिसयूज किया जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि एमसीडी इंजीनियरों के पास उन सभी प्रॉपर्टी की लिस्ट पहले से ही है, जहां रिहायशी प्रॉपर्टी में पार्किंग बनी हुई है। बस जांच इस बात की करनी है कि वहां नियमों का उल्लंघन हो रहा है या नहीं। इस मसले पर नॉर्थ एमसीडी कमिश्नर ऑफिस का कहना है कि हमारी ओर से कल ही आदेश तो जारी कर दिए गए हैं, लेकिन ऑफिस इस अभियान पर लगातार निगरानी रखेगा, ताकि कभी भी वक्त पड़ने पर उसकी जानकारी मॉनिटरिंग कमिटी तक पहुंचाई जा सके।
दूसरी ओर मॉनिटरिंग कमिटी का कहना है कि अवैध निर्माण व प्रॉपर्टी के मिसयूज को लेकर वह काफी गंभीर है। कमिटी सूत्रों के अनुसार वह अपने आदेश की लगातार रिव्यू करेगी और खुद फील्ड में जाकर भी इस बात की जांच करेगी कि मिसयूज पार्किंग के खिलाफ एक्शन हो रहा है या नहीं। कमिटी ने तीनों एमसीडी कमिश्नरों को तुरंत प्रभाव से इस एक्शन को चलाने को तो कहा है ही, साथ ही यह आदेश भी जारी किए हैं उन्होंने जो एक्शन किया है, उसकी रिपोर्ट 28 फरवरी तक कमिटी के पास भेजे। कमिटी सूत्रों का यह भी कहना है कि चूंकि यह सारा अभियान सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत चलाया जा रहा है, इसलिए ये रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचाई जाएगी।
किन कॉलोनियों में चलेगा एक्शन
मॉनिटरिंग कमिटी ने जिन रिहायशी प्रॉपर्टी की पार्किंग को लेकर एक्शन का आदेश दिया है, वह असल में वे कॉलोनियां हैं जो डीडीए की नियोजित कॉलोनियां हैं। असल में डीडीए ने रिहायशी आबादी को लेकर दो प्रकार के निर्माण किए। एक तो उसने खुद ही फ्लैट बनाए और दूसरे प्लॉट काटकर उसमें मकान बनाने की सहूलियत दी। माना जा रहा है कि मॉनिटरिंग कमिटी का आदेश इन प्लॉट वाले मकानों के लिए है, क्योंकि इन्हीं प्लॉट के ग्राउंड पर पार्किंग बनाने की इजाजत दी गई है। एक तरह से नियमित कॉलोनियां हैं और अब इनमें से अधिकतर एमसीडी को सुपुर्द हो चुकी हैं। ऐसी कॉलोनियों में मॉडल टाउन, पीतमपुरा, शालीमार बाग, अशोक विहार, रोहिणी, द्वारका जैसी कॉलोनियां शामिल हैं। वैसे एमसीडी यह इशारा कर चुकी है कि अगर डीडीए के फ्लैटों की जिस कवर्ड पार्किंग में मिसयूज हो रहा है, तो उसे भी सील किया जा सकता है।
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