पार्किंग माफिया पर शिकंजा कसने की तैयारी
|अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारने और पार्किंग माफिया पर शिकंजा कसने के लिए नॉर्थ एमसीडी ने नई पार्किंग पॉलिसी बना ली है। इस पॉलिसी में फर्जी ठेकेदारों को रोकने और अपने कर्मियों द्वारा गड़बड़ करने वाली कंपनियों को हटाने के लिए कड़े नियम बनाए गए हैं। नियम बनाते वक्त दिल्ली मेट्रो, एनडीएमसी जैसे निकायों पॉलिसी की भी स्टडी की गई है। अगर कोई पेच न फंसा तो अगले सप्ताह पार्किंग स्थलों की ई-टेंडरिंग कर दी जाएगी।
नॉर्थ एमसीडी सूत्रों के अनुसार उसके इलाके में छोटे-बड़े करीब 60 पार्किंग स्थल हैं। लेकिन पॉर्किंग पॉलिसी में सालों से इतना गड़बड़झाला चल रहा है कि इस मद में एमसीडी को मात्र 10 से 12 करोड़ रुपये सलाना की ही कमाई हो पाती है। उसका कारण यह है कि सालों से पार्किंग पर माफिया का कब्जा है और चंद लोग ही फर्जी कंपनी बनाकर पार्किंग हथिया रहे हैं। वे ऐसी तरकीबें भिड़ाते हैं कि एमसीडी का राजस्व घट जाता है। लाभकारी परियोजना विभाग के अनुसार ठेकों को नुकसान पहुंचाने के लिए कुछ कंपनियां ऊंची बोलियां लगाकर ठेका हथिया लेते हैं और फिर कुछ भ्रष्ट अफसरों के साथ मिलकर ठेका छोड़ तो देते हैं, लेकिन कोर्ट से स्टे लेकर उसे हथियाए रहते हैं। इसके अलावा ब्लैक लिस्टेड कंपनियां भी अलग-अलग नामों से टेंडर डाल देती हैं और एमसीडी को करोड़ों रुपये की लाइसेंस फीस हड़पकर गायब हो जाती हैं। हालात इतने बिगड़े हुए हैं कि कुछ ठेकेदार तो पार्किंग में काम करने वाले स्टाफ के नाम पर ठेके ले लेते हैं और बाद में स्टाफ को कहीं और भेज देते हैं। ये भ्रष्टाचार सालों से चल रहा है।
इस मसले पर मेयर प्रीति अग्रवाल का कहना है कि इस गंभीर भ्रष्टाचार को रोकने के लिए फुलप्रूफ पॉलिसी बना ली गई है। उन्होंने कहा कि जब दिल्ली मेट्रो, एनडीएमसी, रेलवे आदि पार्किंग से मोटा मुनाफा कमा सकते हैं तो हम क्यों नहीं। पॉलिसी बनाने के लिए इन निकायों की मदद ली गई है। मेयर के अनुसार अब वे कंपनी ही टेंडर डाल सकेंगे जिनको पार्किंग का कम से कम एक साल का तजुर्बा हो। लेकिन दो लाख तक कि पार्किंग टेंडर के लिए तजुर्बे की जरूरत नही होगी। इसके अलावा कंपनी को अपने टर्नओवर की भी जानकारी देनी होगी। टेंडर डालने वाले को इस बात का भी आश्वासन देना होगा कि उसके बैंक खातों की ट्रांजेक्टशन डिफाल्टर ठेकेदार के साथ नहीं है। इन बदले नियमों से ब्लैक लिस्टेड कंपनियां आगे नहीं आ पाएंगी और पार्किंग सिस्टम में पारदर्शिता बढ़ेगी। मेयर का दावा है कि नई पॉलिसी से पार्किंग मद में कई गुणा राजस्व की बढ़ोतरी होगी। सूत्र बताते हैं कि अगले सप्ताह करीब 46 पार्किंग स्थलों की ई-टेंडरिंग की जानी है। अगर कोई पेच न फंसा तो नई पार्किंग पॉलिसी लागू हो जाएगी।
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