पहले मिलते थे करोड़ों, अब है सब कुछ जीरो

रामेश्वर दयाल, नई दिल्ली

एमसीडी के नेता और अधिकारी आजकल खासे परेशान हैं। पिछले दो सालों से उन्हें विकास व निर्माण कार्यों को लेकर कई मदों में मिलने वाला बजट रोक दिया गया है। इस बाबत दिल्ली सरकार से कई बार गुजारिश की जा चुकी है, लेकिन सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि केंद्र से राशि मिलने के बाद ही एमसीडी का दिया जाएगा। इस रस्साकशी के चलते नॉर्थ एमसीडी में कई विकास कार्य रुक गए हैं और अन्य कार्य शुरू नहीं हो पा रहे हैं।

नॉर्थ एमसीडी से मिली जानकारी के अनुसार उसके अधिकतर विकास कार्य रुके पड़े हैं या उनकी रफ्तार काफी कम हो गई है। उसका कारण यह है कि विभिन्न मदों में दिल्ली सरकार से जो राशि एमसीडी की मिलती थी, या तो वह रोक दी गई है, या बहुत कम कर दी गई है। सूत्र बताते हैं कि अप्रूव्ड कॉलोनियों की सड़कों को बनाने या उसका सुधार करने के लिए एमसीडी को 100 करोड़ रुपये मिलते थे, लेकिन पिछले दो साल में इस मद में उसे एक भी पैसा नहीं मिला है। इसी तरह पार्कों के रखरखाव और सौंदर्यीकरण के नॉर्थ एमसीडी को दो साल पहले नौ करोड़ रुपये मिले थे, लेकिन इस बार इस मद में सिर्फ 50 लाख रुपये ही मिल पाए हैं।

एमसीडी को अनॉथराइज्ड रेग्युलराइज्ड कॉलोनियों के विकास के लिए 20 करोड़ रुपये दिए जाते थे, लेकिन अभी तक कोई राशि नहीं मिली है। पुनर्वास कॉलोनियों के लिए एमसीडी को इस मद में भी 20 करोड़ रुपये मिलते थे, लेकिन इस मद में भी कुछ नहीं मिला है। एमसीडी को एक राहत यह मिली है कि उसे फ्लाईओवर, उससे जुड़ी सड़कों और ब्रिज के लिए जो 200 करोड़ रुपये की राशि मिलती थी, उसमें इस बार सरकार की ओर से 100 करोड़ की राशि मिल गई है। अर्बन विलेज के लिए भी उसे 77 करोड़ रुपये मिलते थे, फिलहाल इस मद में 20 करोड़ रुपये ही मिल पाए हैं। रुरल विलेज के लिए अलग बोर्ड बन चुका है, वहां सरकार की ओर से तो धनराशि भेजी जा रही है, लेकिन उन्हें खर्च करने में एमसीडी या उसके पाषर्दों का कोई रोल नहीं है।

मेयर प्रीति अग्रवाल के अनुसार नॉर्थ एमसीडी के आर्थिक हालात लगातार गड़बड़ा रहे हैं। कई मदों में तो बजट बिल्कुल ही खत्म हो चुका है। हम सरकार से लगातार गुजारिश कर रहे हैं कि वह हमारे हिस्से की 1616 करोड़ रुपये की धनराशि तुरंत मुहैया कराए। इसी मसले को लेकर हाल ही में उन्होंने उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से मुलाकात की थी, लेकिन वहां से कोई आश्वासन नहीं मिला। लेकिन इतना जरूर कहा गया कि केंद्र सरकार हमें राशि उपलब्ध कराएगी तो उसे एमसीडी तक भेज दिया जाएगा। मेयर के अनुसार सालों से एमसीडी को ऐसा कोई तर्क नहीं दिया जा रहा था, लेकिन पिछले दो साल से एमसीडी को उसका आर्थिक शेयर मिलने में परेशानी हो रही है।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।

दिल्ली समाचार, खबर, हिन्दी Political News Delhi