पहली तिमाही में कारोबार वृद्धि दो साल के शीर्ष पर रहने की उम्मीद: क्रिसिल
|30 जून को समाप्त इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारतीय उद्योग जगत की कारोबार वृद्धि दो साल के शीर्ष यानी आठ प्रतिशत रहने की उम्मीद है। इसके पीछे मुख्य वजह निर्यातोन्मुखी सूचना प्रौद्योगिकी जैसी इकाईयों का कारोबार रहा है।
क्रिसिल ने अपनी रपट में कहा है कि मार्च तिमाही में भारतीय उद्योग जगत के कारोबार में 6.5 प्रतिशत वृद्धि हुई जबकि इससे पिछली पांच तिमाहियों में यह 1-3
प्रतिशत बढ़ा था।
इसमें कहा गया है कि इस अवधि में कंपनियों की कमाई में वृद्धि हालांकि दीर्घावधि के औसत 12-15 प्रतिशत से नीचे है। लेकिन वास्तविक स्वरूप में अथवा महंगाई के समायोजन के बाद तस्वीर अच्छी दिखती है क्योंकि कारोबार की वृद्धि दर पिछले चार साल के औसत से अधिक है।
रपट में कहा गया है कि लेखा मानकों में भी कुछ अनोखे बदलाव देखने को मिल
सकते हैं क्योंकि 500 करोड़ रपये से उपर की नेट वर्थ वाली कंपनियों को जून 2016 की तिमाही से भारतीय मानक लेखा मानकों को अपनाना होगा।
यह सभी आंकड़े 600 कंपनियों के डाटा पर आधारित हैं जो एनएसई के कुल
बाजार पूंजीकरण का करीब 70 प्रतिशत है। हालांकि, इनमें तेल और गैस की कंपनियां शामिल नहीं हैं।
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