पश्चिम रेलवे ने सामान्य किराए वाली ट्रेनों के फेरे में की भारी कटौती
|रेल बजट आने के बाद इस बात की चर्चा जोरों पर रही है कि बजट में महिलाओं और बुजुर्गों का खासा ख्याल रखा गया है जबकि एक हकीकत यह भी है। पश्चिम रेलवे ने सामान्य किराए वाली 65 ट्रेनों के साल 2013-14 में 7,039 फेरे लगाए थे, वहीं 2015-16 में ऐसी ट्रेनों की संख्या घटकर मात्र 21 रह गईं जिन्होंने कुल 204 फेरे ही लगाए। ध्यान रहे इन विशेष ट्रेनों में परंपरागत ट्रेनों की तरह ही बच्चों और बुजुर्गों को किराए/आरक्षण में रियायत मिलती है।
मध्य प्रदेश के नीमच निवासी आरटीआई कार्यकर्ता चन्द्रशेखर गौड़ के सवालों पर मिले जवाब से पता चला है कि पश्चिम रेलवे बच्चों और बजुर्गों को छूट देने वाली ट्रेनों की संख्या में तो भारी कटौती कर रहा है और प्रीमियम/ सुविधा ट्रेनों की संख्या में धीरे-धीरे बढ़ोतरी कर रहा है ताकि बच्चों और बुजुर्गों से डाइनैमिक फेयर के नाम पर मनमाना किराया वसूल सके।
आरटीआई में दी गई जानकारी के मुताबिक, पश्चिम रेलवे में प्रीमियम/सुविधा विशेष गाड़ियों के अलावा चलाई गईं विशेष गाड़ियों का ब्योरा इस प्रकार है। साल 2011-12 में कुल 64 ट्रेनों ने 3,871 फेरे लगाए तो अगले साल 2012-13 में कुल 62 गाड़ियों ने 2326 फेरे लगाए। वहीं, साल 2013-14 में कुल 65 ट्रेनों ने 7039 फेरे और साल 2014-15 में 47 ट्रेनों ने 1781 फेरे लगाए जबकि साल 2015-16 में कुल 21 ट्रेनों ने कुल 204 फेरे लगाए।
वहीं, प्रीमियम/सुविधा विशेष गाड़ियों की बात करें तो साल 2014-15 में जहां कुल 17 प्रीमियम विशेष ट्रेनों ने कुल 476 फेरे लगाए, वहीं अगले साल 2015-16 में 11 प्रीमियम विशेष गाड़ियों ने कुल 304 जबकि और 5 सुविधा विशेष गाड़ियों ने कुल 90 फेरे लगाए।
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