नोटबंदी के बाद 60 लाख खाताधारकों ने जमा करवाएं 7 लाख करोड़ रुपये, सरकार की है नजर

नई दिल्‍ली
8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा के बाद अगर आपने भी दो लाख रुपये से ज्‍यादा की रकम जमा की है तो आपको चिंतित होने की जरूरत है। हो सकता है आप भी जांच के दायरे में आ जाएं। दरअसल, नोटबंदी की घोषणा के बाद 60 लाख लोगों और कंपनियों ने अपेक्षाकृत बड़ी रकम के तौर पर सात लाख करोड़ रुपये के पुराने नोट जमा करवाए हैं और सरकार इन सभी की जांच कर रही है। सीनियर सरकारी अधिकारियों ने गुरुवार को इस बात की जानकारी दी।

सरकार करेगी कार्रवाई
अधिकारियों ने बड़ी रकम जमा करवाने वालों को आगाह करते हुए कहा है कि केवल बैंकों में जमा करवा देने से ही कालाधन सफेद नहीं हो जाएगा और कालेधन पर सरकार टैक्‍स का पाई-पाई पैसा वसूलेगी। अधिकारियों का कहना है कि सरकार किसी ईमानदार या खरे जमाकर्ता को शिकार नहीं बनाएगी लेकिन इसके साथ ही कालेधन को वैध बनाने की कोशिश कर रहे लोगों को बख्शा भी नहीं जाएगा। इस तरह के लोगों के खिलाफ हरसंभव कार्रवाई की जाएगी।

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सरकार की पहुंच से नहीं बचेंगे
बता दें कि मोदी सरकार ने 8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा की थी। उसके बाद 1000 और 500 रुपये के पुराने नोट चलन से बाहर हो गए थे। अधिकारियों के अनुसार, नोटबंदी के बाद अघोषित धन रखने वालों के पास प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) का विकल्प है और अगर वे इसे नहीं चुनते हैं तो वे सरकार की पहुंच से बच नहीं सकेंगे। एक सीनियर अधिकारी ने कहा, ‘कुछ लोग मानते हैं कि उनका पैसा बैंकों में आ गया है तो वह सफेद हो गया है। ऐसा नहीं है। हमें दो लाख, पांच लाख रुपये से अधिक जमा करवाने वालों के बारे में दैनिक जानकारी मिल रही है। हम इस जानकारी को उसी शख्‍स के पहले के रेकॉर्ड से मिला रहे हैं।’

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पकड़ने की है प्रणाली
अधिकारी ने कहा, ‘टैक्‍स चुकाने का विकल्प अब भी है और हमें उम्मीद है कि लोग भी इस बात को समझेंगे कि खाते में जमा करवाने भर से कोई कालाधन सफेद या वैध नहीं हो जाता। हमें उम्मीद है कि लोग खुद आगे आकर (कर चोरी माफी) योजना में भाग लेंगे। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें परेशानी होने वाली है।’ अधिकारी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि विभाग के पास अनेक बैंकों में खाता रखने वालों और दूसरों के खातों में पैसा जमा कराने वालों का पता लगाने और पकड़ने की प्रणाली है।

अधिकारी ने कहा, ‘अगर आप दो लाख रुपये से अधिक रकम जमा करवाने वालों की बात करते हैं तो हमारे पास पुख्ता जानकारी है कि 60 लाख से अधिक व्यक्तियों, कंपनियों व संस्थानों ने सात लाख करोड़ रुपये से अधिक की रकम जमा करवाई है। यह बड़ी संख्या है। हम इस पर विचार कर रहे हैं। व्यक्तियों के लिए यह संख्या 3-4 लाख करोड़ रुपये की होगी।’

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