नॉर्थ कोरियाः तानाशाह के भाई की हत्या के पीछे यह ज्वालामुखी?
|नॉथ कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन के सौतेले भाई और निर्वासन में रह रहे किम जोंग नम की रहस्यमय मौत के संबंध में मलयेशिया पुलिस ने जहां अब तक 4 लोगों को गिरफ्तार किया है, वहीं साउथ कोरिया की खुफिया एजेंसी हत्या के पीछे कोरिया-चीन बॉर्डर पर स्थित एक ज्वालामुखी को जिम्मेदारी मान रही है। इस ज्वालामुखी से इन दोनों का गहरा नाता है।
खुफिया एजेंसी का दावा है कि मलयेशिया एयरपोर्ट पर नम की हत्या की साजिश किम जोंग उन 5 साल से रच रहे थे। ऐसा बताया जा रहा है कि ज्वालामुखी माउंट पाएक्टु की नॉर्थ कोरिया के गठन के पीछे मुख्य भूमिका है। पाएक्टु देश के राष्ट्रीय चिह्न में शामिल है और चाहे रॉकेट हो या पावर स्टेशन, हर जगह इसका नाम नजर आता है।
नॉर्थ कोरिया के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण इंसान रहे किम द्वितीय इन दोनों के दादा थे। किम द्वितीय ने कोरियाई प्रायद्वीप को बचाने में अहम भूमिका निभाई थी। आधिकारिक बयान के मुताबिक, जापानी हमलावरों के खिलाफ चलाए गए गुरिल्ला वॉर में उन्होंने पाएक्टु के ढाल पर स्थित अपने अड्डे से यह लड़ाई लड़ी थी और कोरियाई प्रायद्वीप को बचाया था।
चूंकि, दोनों ही भाइयों का साहसिक वंश से नाता है और दोनों का ही एक तरह से माउंट पाएक्टु पर अधिकार है। ऐसे में नम हमेशा किम उन के लिए खतरा रहते। जब तक वह जिंदा रहते उन्हें किम के साथ उसे साझा करना पड़ता, चाहे वह अप्रत्यक्ष रूप से हो या फिर अनिच्छा से। माउंट पाएक्टु के साथ जुड़ी घटना के कारण ऐसा दावा पेश किया जाता है कि सिर्फ किम परिवार का सदस्य ही नॉर्थ कोरिया का सर्वोच्च नेता हो सकता है।
साउथ कोरिया की खुफिया एजेंसी का दावा है कि एक बार नम ने किन उन को चिट्ठी लिखकर जिंदगी की भीख मांगी थी। बता दें कि जोंग नम उत्तर कोरिया के पूर्व शासक किम जोंग इल के बड़े बेटे थे। पहले उन्हें सत्ता का पहला दावेदार माना जाता था। दिसंबर 2011 में उनके पिता की मौत के बाद किम जोंग उन ने सत्ता हथिया ली। कई एजेंसियों का कहना है कि नम को मरवाने के प्रयास इससे पहले भी किए जा चुके थे।
उल्लेखनीय है कि नम की सोमवार को हत्या कर दी गई थी। उनकी हत्या तब हुई थी जब वह कुआलालंपुर एयरपोर्ट पर फ्लाइट का इंतजार कर रहे थे। इस घटना के संबंध में अब तक 4 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
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