नेताजी की मौत: UPA ने जांच आयोग के नतीजे को किया था खारिज

लंदन
एक ब्रिटिश वेबसाइट ने कहा कि यूपीए सरकार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के निधन पर 2006 में न्यायमूर्ति मनोज मुखर्जी की अगुवाई वाले जांच आयोग के नतीजों को खारिज कर दिया था। बोसफाइल्स डॉट इंफो ने एक गोपनीय अंतर-सरकारी पत्र जारी किया है, जो मुखर्जी आयोग के इस निष्कर्ष को खारिज किए जाने की पुष्टि करता है कि शायद नेताजी की 18 अगस्त 1945 को ताईपे में विमान हादसे में मौत नहीं हुई थी।

वेबसाइट कहती है, ‘9 मई 2006 को मनमोहन सिंह की अगुवाई वाली सरकार के मंत्रिमंडल ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस के लापता होने पर न्यायमूर्ति मुखर्जी जांच आयोग की रिपोर्ट पर केंद्रीय गृह मंत्रालय की कार्रवाई रिपोर्ट पर विचार किया।’ वेबसाइट के अनुसार यह कहा गया कि आयोग की जांच कई तरीकों से बेनतीजा है। जांच कई मुद्दों पर स्पष्ट निष्कर्ष देने में विफल रही।

मंत्रिमंडल के फैसले के विवरण का कथित सारांश 11 मई 2006 को कैबिनेट सचिवालय में तत्कालीन अवर सचिव विजय शर्मा की ओर से तत्कालीन गृह सचिव वी. के. दुग्गल को लिखे गए पत्र में है। इस संवाद को मार्च, 2016 को नरेंद्र मोदी सरकार ने सार्वजनिक किया और यह राष्ट्रीय अभिलेखागार में आम लोगों के देखने के लिए उपलब्ध है। उसे ही वेबसाइट पर फिर पेश किया गया है।

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