नीरव मोदी के खिलाफ हॉन्ग कॉन्ग हाई कोर्ट पहुंचा पंजाब नैशनल बैंक
|हजारों करोड़ रुपये के पीएनबी स्कैम के सूत्रधार नीरव मोदी के खिलाफ पंजाब नैशनल बैंक हॉन्ग कॉन्ग हाई कोर्ट पहुंचा है। इसके अलावा बैंक उन सभी देशों में अदालती कार्यवाही शुरू करेगा, जहां नीरव मोदी और मेहुल चौकसी की संपत्तियां और कारोबार हैं। इस बीच केंद्रीय कैबिनेट ने आर्थिक अपराध करके देश से भागने वाले भगोड़ों पर शिकंजा कसने के लिए शनिवार को ही एक अध्यादेश को मंजूरी दी है। बता दें कि पिछले संसद सत्र में विदेश राज्य मंत्री ने अपने एक लिखित जवाब में संसद को बताया था कि नीरव मोदी हॉन्ग कॉन्ग में है और भारत सरकार ने हॉन्ग कॉन्ग अथॉरिटी से उसके समर्पण की मांग की है।
पीएनबी के साथ 13,500 करोड़ रुपये के घोटाले में मुख्य आरोपी हीरा कारोबारी नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चौकसी की दुनिया के तमाम देशों में संपत्तियां और कारोबार होने की बात कही जा रही है। इसी महीने ED ने नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के कारोबार और उनके असेट्स के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए 13 देशों के अधिकारियों से संपर्क किया। ईडी ने उन 13 देशों को लेटर ऑफ रोगेटरी (LR) जारी किया है, जहां मोदी और चोकसी का कारोबार होने का शक है। ईडी की तरफ से जिन देशों को LR भेजा गया है उनमें सिंगापुर, साउथ अफ्रीका, ब्रिटेन, दुबई, बेल्जियम, अमेरिका, रूस, फ्रांस, चीन और हॉन्ग कॉन्ग शामिल है। इनसे मिली सूचना के आधार पर ईडी मोदी और चोकसी के फॉरन असेट्स की इनकम के सोर्स का पता लगाएगा।
सरकार ने भी भगोड़े आर्थिक अपराधियों पर नकेल कसने के लिए अध्यादेश लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। बैंकों से कर्ज लेकर विदेश भागने जैसे अपराधों पर कड़ा अंकुश लगाने के प्रयासों के तहत केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भगोड़े आर्थिक अपराधी अध्यादेश 2018 को शनिवार को मंजूरी दे दी। इसमें आर्थिक अपराध कर देश से भागे व्यक्तियों की संपत्ति उन पर मुकदमे का निर्णय आए बिना जब्त करने और उसे बेच कर कर्जदेने वालों का पैसा वापस करने का प्रावधान है। सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इसे मंजूरी दी गई। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह लागू हो जाएगा।
भगोड़े आर्थिक अपराधी विधेयक को 12 मार्च को लोकसभा में पेश किया गया था लेकिन संसद में विभिन्न मुद्दों को लेकर गतिरोध के चलते इसे पारित नहीं किया जा सका। इसके तहत नीरव मोदी जैसे उन लोगों की संपत्तियां जब्त करने का प्रावधान है जो आपराधिक कार्रवाई बचने के लिए देश से भाग गए हैं। इस अध्यादेश के प्रावधान ऐसे आर्थिक अपराधियों पर लागू होंगे जो देश वापस आने से इनकार कर देते हैं, जिन लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी वॉरंट जारी हो चुके हैं और जिनपर 100 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है और उन्हें जानबूझ कर कर्ज न चुकाने वाला घोषित किया जा चुका है।
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