निवेश के लिए संस्थागत मध्यस्थता प्रणाली की जरूरत : मुख्य न्यायाधीश
|न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा कि देश को बिना अपनी तर्कसंगत स्वायाता छोड़े तालमेल बिठाने की जरूरत है। यह बदलाव देश के हितों को ध्यान में रखते हुए संस्थागत मध्यस्थता की ओर होना चाहिए।
वह वैीकरण के दौर में मध्यस्थता पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में यहां बोल रहे थे। उन्होंने कहा, अभी इसकी जरूरत है और इसके उद्देश्य भी हैं। जब आप एक जटिल अर्थव्यवस्थता को संभाल रहे होते हैं, विवादों का संरचनात्मक तरीके से हल निकाला जाना आवश्यक होता है।
उन्होंने आगे कहा कि यह कानूनी मुद्दे से इतर निवेश से भी संबंधित मुद्दा है और देश को विदेशी निवेशकों के बीच इस बात का भरोसा कायम करना होगा कि यहां काफी अच्छी अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता व्यवस्थता है। उन्होंने कहा, यह महज मानवीय चरित्र न होकर वाणिज्यिक अवधारणा भी है। अनुबंध की शर्तें तथा कारोबार में उतार-चढ़ाव के कारण भी मध्यस्थता की जरूरत होती है।
अंतरराष्ट्रीय विवादों के बारे में उन्होंने कहा कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय विवाद निवारण प्रणाली के तहत सुलझााया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, हमें तालमेल बिठाना होगा। पर जब हम तालमेल बिठा लेंगे, हमें अपनी तर्कसंगत स्वायाता का नुकसान नहीं उठाना होगा। इस तरह से भारत मध्यस्थता की ऐसी प्रणाली विकसित कर सकेगा जो यहां मध्यस्थता की सुनवाइयों को आकर्षित करेगा। कारोबार करते समय भी आपको देश के हितों का ध्यान रखना पड़ता है।
भाषा
मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।
Latest Business News in Hindi – बिज़नेस समाचार, व्यवसाय न्यूज हिंदी में | Navbharat Times