निवेशकों की शिकायतों का निपटारा करने में नाकाम कंपनियों पर जुर्माना
| निवेशकों की शिकायतों का समाधान नहीं करने पर कैपिटल मार्केट के रेग्युलेटर सेबी ने 34 कंपनियों पर करीब 50 लाख रुपये का जुर्माना लगया है। रेग्युलेटर ने 2015-16 के अप्रैल-सितंबर में 49.50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। कंपनियों पर लगाया जाने वाला जुर्माना 25,000 रुपये से लेकर 15 लाख रुपये तक है। निवेशकों की शिकायतों का समाधान करने में कथित रूप से नाकाम रहने के लिए कंपनियों को सेबी की फटकार सुननी पड़ रही है। सेबी ने एक साल के अंदर 40 कंपनियों पर करीब 66 लाख रुपये जुर्माना लगाया है। जुर्माना लगाए जाने के अलावा 20 से ज्यादा कंपनियों और उनके निदेशकों को सिक्यॉरिटीज मार्केट तक पहुंचने से प्रतिबंधित कर दिया गया है। अगस्त 2012 में सेबी ने समस्त लिस्टेड कंपनियों से खुद को 14 सितंबर तक अपने शिकायत निपटारा व्यवस्था स्कोर्स से पंजीकृत कराने को कहा था। स्कोर्स की प्राप्ति के बाद उन कंपनियों को सिर्फ 30 दिनों के अंदर शिकायतों के समाधान को अनिवार्य बना दिया गया है। अगर कोई कंपनी पहले सात दिनों में समाधान के कोई कदम नहीं उठाती है तो रेग्युलेटर के पास आवश्यक कार्रवाई करने के अधिकार हैं। सेबी ने ऑनलइन मेकनिजम जून 2011 में शुरू किया था।
अंग्रेजी में भी पढ़ें : Sebi fines 34 cos for not fixing investor complaints
मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।