निर्यात में गिरावट: केंद्र, राज्यों एवं उद्योग संगठनों में चर्चा
|निर्यात में लगातार गिरावट पर काबू पाने को लेकर शुक्रवार को केंद्र सरकार, राज्य सरकारों तथा उद्योग मंडलों के बीच विभिन्न उपायों पर चर्चा हुई।बैठक में मुख्य रूप से राज्य करों के तुरंत रिफंड, रेल सड़क संपर्क में सुधार तथा जमीन पर्यावरण मंजूरी जैसे मुद्दों पर विचार किया गया।
व्यापार विकास एवं संवर्धन परिषद की पहली बैठक की अध्यक्षता वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने की। इसमें उत्पादों की गुणवत्ता एवं मानक, श्रमिक मुद्दे तथा निर्यात के ढांचागत विकास के लिए राज्यों को मदद (एएसआईडीई योजना) पर भी विचार किया गया। निर्मला ने कहा कि बैठक में मौजूद सभी राज्यों के मंत्रियों एवं प्रतिनिधियों ने एएसआईडीई योजना का मुद्दा उठाया जिसे अब राज्यों को स्थानांतरित कर दिया गया है। उन्होंने सुझाव दिया कि इस योजना का कार्यान्वयन केवल केंद्र सरकार को ही करना चाहिए।
वाणिज्य मंत्री ने कहा, ‘एएसआईडीई को लेकर सभी राज्यों की एक ही राय है। उनका कहना है कि आप इससे हटें हैं जबकि वास्तव में हम इससे नहीं हटे हैं। हमने तो 14वें वित्त आयोग की सिफारिशों के हिसाब से एएसआईडीई फंड राज्यों को दे दिया है।’ उन्होंने कहा कि राज्य अब भी चाहते हैं कि निर्यात संवर्धन के ढांचे को केंद्र ही संभाले। मंत्री ने सुझाव दिया कि राज्यों को एक्सपोर्टरों के साथ द्विमासिक बैठक करनी चाहिए ताकि उनके मुददों को समझा जा सके। राजस्थान के उद्योग मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने जयपुर में ‘राजस्व प्रयोगशाला’ स्थापित करने का सुझाव दिया। उद्योग मंडल सीआईआई, फिक्की और फियो ने भी सुझाव दिए।
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