नियमित होंगे अवैध निर्माण

रामेश्वर दयाल,नई दिल्ली

दिल्ली के उन लाखों लोगों को राहत मिलने वाली है, जिन्होंने अपने मकानों में अवैध निर्माण करवा रखा है। नॉर्थ एमसीडी ने ऐसे अवैध निर्माणों को नियमित करने का निर्णय लिया है। इसके लिए कुछ शर्तें भी जोड़ी गई हैं। मकानों के अवैध निर्माण को सर्कल रेट की दर से पैनल्टी लेकर ही नियमित किया जाएगा। दिसंबर 2016 तक अवैध निर्माणों को वैध करने का निर्णय लिया जा रहा है।

इस मसले को लेकर नॉर्थ एमसीडी की स्थायी समिति की आगामी बैठक में एक प्रस्ताव लाया जा रहा है, जिसमें अपने मकानों में अवैध निर्माण करने वालों को कुछ शर्तों पर राहत दी जा सके। इसके लिए बीजेपी सत्तारूढ़ दल की ओर से प्रस्ताव बनाया जा चुका है। सूत्र बताते हैं कि इस योजना को लेकर हाल ही में स्थायी समिति के अध्यक्ष तिलकराज कटारिया ने अडिशनल कमिश्नर इंजीनियरिंग समेत आला विभाग के अफसरों से विचार-विमर्श किया था और पूछा था कि क्या अवैध निर्माणों को तोड़ा जा सकता है। अफसरों का कहना था कि यह संभव नहीं हैं क्योंकि अवैध निर्माणों की संख्या लाखों में हैं। उनका सुझाव था कि इस मसले पर अगर केंद्र सरकार मदद करे तो ऐसे निर्माणों को नियमित करने पर विचार किया जा सकता है। जिसके बाद इस योजना का ब्लू प्रिंट तैयार कर लिया गया।

सूत्र बताते हैं कि यह छूट डीडीए कॉलोनियों आदि के अलावा उन्हीं मकानों को मिलेगी, जो नियमित हैं। अनधिकृत कॉलोनियों या विवादास्पद मकानों को यह छूट नहीं होगी। राहत उन्हीं मकानों को मिलेगी जिनकी ऊंचाई 15 मीटर से अधिक नहीं है, इसके अलावा सरकारी जमीन को घेरकर अवैध निर्माण न किया गया हो। नियमित कराने वालों को आर्किटेक्ट का यह प्रमाणपत्र भी देना होगा कि अवैध निर्माण मजबूत है और उससे किसी को नुकसान नहीं पहुंच रहा है। नियमित कराने वालों को सर्कल रेट के हिसाब से पैनल्टी देनी होगी। यह सर्कल रेट पूरी दिल्ली में विभिन्न कैटिगरी के हिसाब से अलग-अलग है। इसके बाद अवैध निर्माणों को नियमित करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

स्थायी समिति अध्यक्ष तिलकराज कटारिया के अनुसार यह राहत दिसंबर 2016 तक बने मकानों को दी जाएगी, उसके बाद के निर्माण को अवैध मानकर उसके खिलाफ एक्शन होगा। उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव को लेकर वह केंद्रीय शहरी विकास मंत्री से मुलाकात करेंगे और बताएंगे कि इस योजना को लागू करने से लाखों लोगों को लाभ तो मिलेगा ही साथ ही नॉर्थ एमसीडी को करोड़ों रुपये का राजस्व मिलेगा। इस राजस्व से बदहाल आर्थिक स्थिति पर कुछ लगाम लगेगी। उन्होंने कहा कि हम केंद्रीय नेतृत्व तक यह संदेश पहुंचा चुके हैं कि अवैध निर्माणों को किसी हाल में नहीं तोड़ा जा सकता। ऐसे में अगर उन्हें नियमित करेंगे तो वे प्रताड़ना से बचे रहेंगे, साथ ही एमसीडी के भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगेगा। कटारिया के अनुसार हमें उम्मीद है कि केंद्र सरकार हमारे इस प्रस्ताव को मंजूर कर लेगी।

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