निगम में नेता विपक्ष को हटाने पर आप में रार

विशेष संवाददाता, नई दिल्ली

आम आदमी पार्टी द्वारा तीनों नगर निगमों में नेता विपक्ष को बदले जाने पर पार्टी में बवाल शुरू हो गया है। नॉर्थ एमसीडी में नेता विपक्ष रहे राकेश कुमार का कहना है कि अगर पार्टी हमें हटाने से निगमों में लीडरशिप का विकास करना चाहती है तो यह फार्मूला उसे दिल्ली विधानसभा में भी अपनाना चाहिए। ईस्ट एमसीडी के नेता विपक्ष रहे अब्दुल रहमान का कहना है कि राकेश की बात तो ठीक है, लेकिन पार्टी ने जो भी निर्णय लिया है, वह कुछ सोच-समझकर ही लिया होगा।

आम आदमी पार्टी ने कल बड़ा निर्णय लेते हुए तीनों एमसीडी में नेता विपक्ष को बदल दिया है। राष्ट्रीय प्रवक्ता दिलीप पांडे के अनुसार यह निर्णय इसलिए लिया गया गया है ताकि नगर निगमों में पार्टी की लीडरशिप को विकसित किया जाए। उन्होंने कहा कि पार्टी ने इसके लिए एक रोटेशन पॉलिसी लागू की है और उसी के तहत नए लोगों को चुना गया है। जो बदलाव किए गए हैं, उसके अनुसार नॉर्थ एमसीडी में राकेश कुमार को हटाकर अनिल लाकड़ा, साउथ में रमेश मटियाला को हटाकर प्रवीण कुमार राजपूत व ईस्ट एमसीडी में अब्दुल रहमान को हटाकर कुलदीप कुमार को नेता विपक्ष बनाया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर संभव होगा तो एमसीडी में आप पार्षदों के अन्य पदों में भी बदलाव होगा।

लेकिन इस नेतृत्व परिवर्तन पर राकेश कुमार ने सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि वह पार्टी के इस फैसले का स्वागत करते हैं। लेकिन यह भी बताना चाहते हैं कि अगर पार्टी नगर निगमों में लीडरशिप का विकास करना चाहती है तो यही काम उसे दिल्ली विधानसभा में भी करना चाहिए। एमसीडी की तर्ज पर वहां लीडरशिप विकसित करने के लिए मंत्रियों को बदला जाना चाहिए और विभिन्न निगमों, बोर्ड के अध्यक्ष में भी बदलाव होना चाहिए। उन्होंने कहा कि पार्टी में सौरभ भारद्वाज, अलका लांबा के अलावा कई मुस्लिम, सिख व महिला विधायक बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। उन्हें भी आगे लाना चाहिए। राकेश कुमार के अनुसार उन्हें जो जानकारी है, उसके अनुसार नेता विपक्ष का पद पांच साल के लिए होता है, अगर इस तरह से बदलाव किया जाता रहेगा तो पार्टी वर्करों का मनोबल टूटेगा। उन्होंने कहा कि इस मसले पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को विचार-विमर्श करना चाहिए।

इस मामले में ईस्ट एमसीडी से नेता विपक्ष के पद पर हटाए गए अब्दुल रहमान ने माना कि राकेश कुमार सही कह रहे हैं, लेकिन अगर पार्टी ने कोई निर्णय लिया है तो उसे मानना ही होगा। इस प्रकार का निर्णय पार्टी नेताओं ने सोच-समझकर ही लिया होगा। उन्होंने कहा कि वह पार्टी के निर्णय का सम्मान करते हैं। साउथ एमसीडी में नेता विपक्ष पद से हटाए गए रमेश मटियाला ने तो स्पष्ट कहा कि उन्हें हटाने का फैसला पार्टी ने लिया है और पार्टी का फैसला सिर माथे पर है।

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