नए साल का जश्न, कोई खेलता है आग से तो कहीं होती है डंकी रेस

नई दिल्ली. चैत्र नवरात्र के साथ-साथ साउथ इंडिया के आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में उगादि त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है। कुरनूल में बैल गाड़ियों और गधों की मड रेस होती है। इसके पहले लोग एक-दूसरे पर उपले (सूखा गाय का गोबर) फेंकते हैं। वहीं, धारवाड़ में नए साल के मौके पर नौजवानों के आग के साथ खेलने की परंपरा सालों से चली आ रही है। लोग हिंदू नववर्ष को उगादि त्योहार के रूप में मनाते हैं। इसका सही नाम युगादि है, जिसका मतलब है युग का आरंभ। आंध्र-कर्नाटक में मनाते हैं त्योहार…   आंध्र प्रदेश- कुरनूल   – उगादि के अगले दिन एक-दूसरे को उपले मारने की परंपरा सालों पुरानी है। – कहा जाता है कि देवी भद्रकाली और वीरभद्र स्वामी की शादी के दौरान भी दोनों पक्षों में लड़ाई हुई थी। – लड़ाई खत्म होने के बाद दोनों पक्षों के हजारों लोग देवी भद्रकाली और भगवान की शादी का मिलकर जश्न मनाते हैं। – मान्यता है कि लड़ाई में किसी शख्स को चोट लग जाए तो भगवान को तिलक करने से चोट 3 दिन में ठीक हो जाती है। – लोगों का मानना है कि ये त्योहार मनाने से घर और खेती में खुशहाली आती है…

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