धोनी कहें तो 24वें फ्लोर से कूद जाऊंगाः इशांत
| इशांत शर्मा को घुटने की चोट की वजह से वर्ल्ड कप शुरू होने से कुछ दिन पहले ही टीम से बाहर होना पड़ा था। अब इशांत फिट हो चुके हैं और आईपीएल-8 की तैयारियों में जुटे हैं। मिड डे को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि चोट कारण पहली बार वर्ल्ड कप खेलने का मौका छिन जाने की निराशा से वह कैसे उबरे और कैसे धोनी ने उन्हें उस मुश्किल वक्त में उनका साथ दिया। चोट का मतलब और इससे करियर पर पड़ने वाले बुरे प्रभाव के बारे में इशांत शर्मा से बेहतर शायद ही कोई जानता हो। जब भी उनका करियर रफ्तार पकड़ने लगता है कोई न कोई चोट उनके लिए रुकावट बन जाती है। चोट से इशांत को हुए नुकसान का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि भारत ने जून 2014 से मार्च 2015 के बीच 44 इंटरनैशनल (12 टेस्ट और 30 वनडे) मैच खेले हैं लेकिन दिल्ली का यह 26 वर्षीय पेसर इस दौरान सिर्फ 10 ही मैचों में टीम इंडिया का हिस्सा रह पाया है। वर्ल्ड कप से बाहर होने के बारे में इशांत ने कहा कि यह बहुत ही मुश्किल था, 2011 में मुझे चुना नहीं गया था। 2015 में मेरे पास अच्छा मौका था, मैं टीम में था और सब कुछ सही जा रहा था लेकिन फिर भी मुझे चोट के कारण वर्ल्ड कप खेलने से वंचित होना पड़ा। यह स्वीकार करना मुश्किल था। उस समय जबकि मैं भावनात्मक रूप से कमजोर हो गया था टीम के सपॉर्ट स्टाफ और माही भाई (धोनी) ने मुझे बहुत अच्छे से संभाला। इशांत ने कहा कि आप ऐसी टीम का हिस्सा बनना चाहते हैं। धोनी की तारीफ करते हुए इशांत ने कहा कि अगर माही भाई जैसा कप्तान आपको 24वें फ्लोर से कूदने को कहें तो आप बिना एक बार भी सोचे ऐसा करने के लिए तैयार हो जाएंगे। माही भाई ने मुझे निराशा का सामना करने में बहुत मदद की। इशांत शर्मा इस इस आईपीएल में सनराइजर्स हैदरबाद टीम का हिस्सा हैं और उन्होंने हैदराबाद के बोलिंग अटैक को इस आईपीएल की बाकी टीमों से बेहतर बताया है।
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