धरना vs धरना, सीएम ऑफिस में बीजेपी नेताओं ने गुजारी रात

विशेष संवाददाता, नई दिल्ली
सीएम अरविंद केजरीवाल और मंत्रियों के एलजी ऑफिस में दिए जा रहे धरने के विरोध में बुधवार को बीजेपी नेता दिल्ली सचिवालय स्थित सीएम के दफ्तर के बाहर जाकर धरने पर बैठ गए। उनका कहना है था कि सीएम जब तक धरना खत्म करके काम पर नहीं लौटेंगे, तब तक वे नहीं हटेंगे।

धरना देने वालों में विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता, वेस्ट दिल्ली से बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा, बीजेपी विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा, जगदीश प्रधान और आप के बागी विधायक कपिल मिश्रा शामिल हैं। मुख्यमंत्री ऑफिस के वेटिंग रूम में बैठे विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि उनकी मांग है कि केजरीवाल तुरंत अपना धरना खत्म करके काम पर लौटें। बिजली-पानी की किल्लत से जूझ रही दिल्ली की जनता को राहत दिलाएं।

इससे पहले दिल्ली बीजेपी के नेताओं ने पार्टी के पार्षदों और समर्थकों के साथ मिलकर बुधवार सुबह दिल्ली गेट के पास स्थित शहीदी पार्क से दिल्ली सचिवालय तक पैदल मार्च निकाला। इस मार्च में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी समेत प्रदेश के दूसरे वरिष्ठ नेता भी शामिल हुए। मनोज तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपनी सरकार की नाकामियों, खासतौर से बिजली और पानी के संकट से जनता का ध्यान भटकाने के लिए धरने का नाटक कर रहे हैं। उनकी इस हरकत से एक बार फिर यह साफ हो गया है कि बीजेपी का उन्हें अर्बन नक्सलाइट कहना किसी भी लिहाज से गलत नहीं है, क्योंकि उनका काम सिर्फ अराजकता फैलाना है। उन्होंने धोखे से एलजी से मिलने का समय लेकर धरना शुरू कर दिया। इससे साफ पता चलता है कि उन पर भरोसा नहीं किया जा सकता।

प्रवेश वर्मा ने कहा कि दिल्ली के युवाओं को फ्री वाई-फाई मुहैया कराने और महिलाओं की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगवाने जैसे वादे करके केजरीवाल ने चुनाव जीत लिया, मगर अब जनता का भरोसा उनकी सरकार से उठ चुका है। उन्होंने हर मामले में दिल्ली की जनता के साथ विश्वासघात किया है। एमसीडी के नेताओं ने भी निगमों की खस्ता हालत के लिए दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराया।

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