दो लाख प्रॉपर्टी टारगेट पर!
|राजधानी की दो लाख प्रॉपर्टी सीलिंग और तोड़फोड़ की जद में हैं। एमसीडी ने इन प्रॉपर्टी की लिस्ट तैयार की है, जहां अवैध निर्माण हुआ है। यह लिस्ट जल्द सुप्रीम कोर्ट को सौंपे जाने वाली है। जिसके बाद इन पर कभी भी एक्शन हो सकता है। दूसरी ओर मॉनिटरिंग कमिटी आज दिन में रोहिणी इलाके में अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्यवाही के लिए जा रही है।
सूत्र बताते हैं कि सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग कमिटी के टारगेट पर राजधानी की करीब दो लाख प्रॉपर्टी आने वाली हैं, जहां अवैध निर्माण हुआ है। बताते हैं कि इनमें रिहायशी प्रॉपर्टी की संख्या अधिक है। एमसीडी सूत्रों के अनुसार यह लिस्ट उन प्रॉपर्टी की है, जहां पिछले दस सालों के दौरान अवैध निर्माण हुआ और केंद्र सरकार द्वारा लाए गए स्पेशल बिल में जिसे प्रोटेक्ट नहीं किया गया है। एमसीडी सूत्रों के अनुसार यह लिस्ट करीब दो साल पुरानी है, उसके बाद के अवैध निर्माण को इसमें जोड़ा नहीं गया है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के डर से इन प्रॉपर्टी को जोड़ा गया, तो इनकी संख्या में और इजाफा हो सकता है।
सूत्र बताते हैं कि दो लाख प्रॉपर्टी की यह लिस्ट को एमसीडी का इंजीनियरिंग विभाग हाई कोर्ट में पहुंचा चुका है। यह लिस्ट साउथ दिल्ली स्थित सैनिक फार्म में हुए अवैध निर्माण से जुड़े केस के बाद हाई कोर्ट में जमा कराई गई थी। इंजीनियरिंग विभाग के एक आला अधिकारी के अनुसार अब हम जल्द ही इस लिस्ट को सुप्रीम कोर्ट को भी सौंपने जा रहे हैं, ताकि हम यह बता सकें कि एमसीडी की ओर से भी लगातार अवैध निर्माण पर नजर रखी जा रही है। इस मसले पर मॉनिटरिंग कमिटी के चेयरमैन केजे राव का कहना है कि जो भी अवैध निर्माण चाहे वे कमर्शल हों या रेजिडेंशियल, वे सभी हमारे टारगेट पर हैं।
दूसरी ओर आज मॉनिटरिंग कमिटी नॉर्थ दिल्ली स्थित रोहिणी स्थित सेक्टर-9 इलाके का दौरा कर रही है। बताते हैं कि वहां कमिटी के निशाने पर रिहायशी व कमर्शल प्रॉपर्टी में होने वाले अवैध निर्माण हैं। इस बात की पूरी संभावना है कि इन प्रॉपर्टी के खिलाफ एक्शन हो सकता है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दस साल पूर्व जब मॉनिटरिंग कमिटी ने तोड़फोड़ अभियान चलाया था, उस दौरान पूरी दिल्ली में सबसे अधिक प्रॉपर्टी रोहिणी में ही तोड़ी गई थी। इस अभियान में पुलिस को भी काफी मशक्कत करनी पड़ी थी और सैकड़ों लोग भी गिरफ्तार किए गए थे। कुछ को जेल भी भेजा गया था।
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