दिसंबर में कोर सेक्टर की ग्रोथ 5 महीने में सबसे कम
|कोर सेक्टर की ग्रोथ दिसंबर 2017 में 4 पर्सेंट पर आ गई, जो पिछले पांच महीने का निचला स्तर है। बुधवार को जारी सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। इसमें बताया गया है कि कोल, क्रूड ऑइल जैसे सेक्टर्स की ग्रोथ पिछले महीने नेगेटिव हो गई, जिसका 8 कोर सेक्टर के प्रदर्शन पर बुरा असर पड़ा। दिसंबर में कोर सेक्टर की ग्रोथ पिछले साल जुलाई के बाद सबसे कम है, जब ग्रोथ 2.9 पर्सेंट रही थी। हालांकि, उससे एक महीना पहले सरकार ने नोटबंदी का ऐलान किया था, जिससे बिजनस ऐक्टिविटीज पर बुरा असर पड़ा था।
नोटबंदी में सरकार ने 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों पर बैन लगा दिया था। 8 कोर सेक्टर में कोल, क्रूड ऑइल, नैचरल गैस, रिफाइनरी प्रॉडक्ट्स, फर्टिलाइजर्स, स्टील, सीमेंट और इलेक्ट्रिसिटी शामिल हैं। दिसंबर 2016 में कोर सेक्टर की ग्रोथ 5.6 पर्सेंट रही थी।पिछले साल दिसंबर में कोल और क्रूड ऑइल सेक्टर की ग्रोथ क्रमश: माइनस 0.1 पर्सेंट और माइनस 2.1 पर्सेंट रही। पिछले महीने में स्टील सेक्टर की ग्रोथ 2.6 पर्सेंट रही, जबकि इलेक्ट्रिसिटी जेनरेशन यानी बिजली जेनरेशन में 3.3 पर्सेंट की बढ़ोतरी हुई। इससे साल भर पहले स्टील सेक्टर की ग्रोथ 15.9 पर्सेंट और इलेक्ट्रिसिटी सेक्टर की ग्रोथ 6.4 पर्सेंट रही थी। रिफाइनरी प्रॉडक्ट्स, नैचरल गैस, फर्टिलाइजर और सीमेंट सेक्टर में भी पिछले महीने बढ़िया ग्रोथ दिखी।
वहीं, वित्त वर्ष 2017-18 में अप्रैल से दिसंबर के बीच कोर सेक्टर की ग्रोथ घटकर 4 पर्सेंट पर आ गई है, जो साल भर पहले की इसी अवधि में 5.3 पर्सेंट थी। कोर सेक्टर का इंडस्ट्रियल प्रॉडक्शन इंडेक्स (आईआईपी) पर काफी असर होता है क्योंकि उसमें इनका काफी वेटेज है। इसका मतलब यह है कि इंडस्ट्रियल प्रॉडक्शन इंडेक्स में भी ग्रोथ सुस्त पड़ सकती है। इस इंडेक्स से औद्योगिक गतिविधियों का पता चलता है।
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