दिसंबर क्वॉर्टर में टाटा मोटर्स का नेट प्रॉफिट 10 गुना बढ़ा
|टाटा मोटर्स ने दिसंबर क्वॉर्टर के दौरान कंसॉलिडेटेड नेट प्रॉफिट में दस गुने से ज्यादा बढ़ोतरी दर्ज की। टाटा मोटर्स के स्टैंडअलोन बिजनस का वॉल्यूम दमदार रहने के अलावा प्रॉफिट बेहतर करने के लिए की गई कोशिशों का इसमें बड़ा योगदान रहा। हालांकि जगुआर लैंड रोवर बिजनस के लिए दिसंबर 2017 क्वॉर्टर के फीका रहने के कारण टाटा मोटर्स का प्रदर्शन बाजार के अनुमान से कम रहा।
अक्टूबर से दिसंबर 2017 तक के तीन महीनों के लिए कंपनी का कंसॉलिडेटेड नेट प्रॉफिट 1215 करोड़ रुपये रहा। इस तरह पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले कंसॉलिडेटेड नेट प्रॉफिट में 989 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई। इससे पता चल रहा है कि भारतीय कारोबार के लिए बनाई गई कंपनी की ‘टर्नअराउंड स्ट्रैटेजी’ से फायदे मिलने लगे हैं और लागत पर नियंत्रण किया जा रहा है।
इस स्ट्रैटेजी को पिछले साल अगस्त में लागू किया गया था ताकि कंपनी के पैसेंजर वीइकल्स बिजनस को सुधार जा सके और भारत में कमर्शियल व्हीकल्स सेगमेंट में मार्केट लीडर पोजिशन दोबारा हासिल की जा सके। दिसंबर क्वॉर्टर के दौरान हालांकि नेट प्रॉफिट का आंकड़ा ब्लूमबर्ग के अनुमान से कम रहा। ब्लूमबर्ग ने अनुमान जताया था कि कंपनी को 2500 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट होगा। यह कमी जगुआर लैंड रोवर बिजनेस में प्रॉफिटेबिलिटी कम रहने के कारण दिखी।
स्टैंडअलोन बिजनेस में ओवरऑल होलसेल्स (निर्यात सहित) 31 पर्सेंट बढ़कर 172952 यूनिट्स पर पहुंच गई। पोर्टफोलियो के हर सेगमेंट में अच्छी-खासी ग्रोथ दर्ज की गई। पैसेंजर व्हीकल्स की बिक्री 22 पर्सेंट बढ़ी। दिसंबर क्वॉर्टर के दौरान कंपनी की आमदनी 59 पर्सेंट बढ़कर 16102 करोड़ रुपये रही। वहीं टैक्स चुकाने से पहले के प्रॉफिट का आंकड़ा 201 करोड़ रुपये का रहा। सालभर पहले की दिसंबर तिमाही के दौरान कंपनी ने टैक्स चुकाने से पहले 1032 करोड़ रुपये का लॉस दर्ज किया था।
टाटा मोटर्स के चीफ एग्जिक्युटिव ऑफिसर और मैनेजिंग डायरेक्टर गुंटर बुश्चेक ने एक रिलीज में कहा, ‘टर्नअराउंड स्ट्रैटेजी का फायदा मिल रहा है। यह बात बहुत कड़ी प्रतिस्पर्द्धा वाले बाजार में मार्केट शेयर बढ़ने के साथ नए प्रॉडक्ट्स की लॉन्चिंग और कस्टमर को ध्यान में रखकर उठाए गए कदमों से बेहतर हुई प्रॉफिटेबिलिटी में दिख रही है।’
जगुआर लैंड रोवर बिजनस में हालांकि सेल्स का आंकड़ा ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोप के मुख्य भागों में फ्लैट रहा। नए प्रॉडक्ट्स, टेक्नॉलजी और कपैसिटी में किए गए निवेश से मार्जिन घटा। जेएलआर के सीईओ राल्फ स्पेथ ने कहा कि टाटा मोटर्स की यह ब्रिटिश इकाई जल्द ही अपनी पहली इलेक्ट्रिक कार लॉन्च करने वाली है और ‘उसे उम्मीद है कि नए मॉडल्स, सीजनल इफेक्ट और बेहतर प्रॉफिटेबिलिटी के दम पर चौथे क्वॉर्टर में प्रदर्शन अच्छा रहेगा।’
कंसॉलिडेटेड लेवल पर फाइनैंस कॉस्ट सालभर पहले की दिसंबर तिमाही के 377 करोड़ रुपये के आंकड़े से बढ़कर 1247 करोड़ रुपये हो गई। ऐसा टाटा मोटर्स और जेएलआर, दोनों के ज्यादा उधार लेने के कारण हुआ। कंपनी का नेट डेट अभी 47777 करोड़ रुपये है, जो मार्च 2017 के अंत में 27485 करोड़ रुपये था। यह भी जेएलआर में निवेश बढ़ाने के कारण हुआ है।
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