दिल्ली सरकार ने एमसीडी का प्रस्ताव खारिज किया
|दिल्ली सरकार ने नॉर्थ एमसीडी के प्रस्ताव को बैरंग लौटा दिया है। इस प्रस्ताव में एमसीडी के जोन के क्षेत्र बदलने का प्रारूप भेजा गया था। लेकिन सरकार ने उसे नहीं माना। इसके चलते तीनों एमसीडी का नोटिफिकेशन रुका पड़ा है। नोटिफिकेशन न होने के चलते पिछले दो माह से तीनों एमसीडी के कार्य रुके पड़े हैं। एमसीडी ने अब सरकार को दोबारा प्रस्ताव भेजा है।
तीनों एमसीडी का गठन गत 26 अप्रैल को हुआ था। लेकिन उनके और दिल्ली सरकार के बीच चल रही तनातनी के चलते तीनों एमसीडी की न तो स्थायी समितियों का गठन हो पा रहा है और न ही विशेष और एडहॉक कमेटियां बन पा रही हैं। जिसके चलते तीनों एमसीडी का कामकाज लगभग ठप है। असल में नई एमसीडी के गठन के बाद तीनों एमसीडी को औपचारिक तौर पर एक प्रस्ताव दिल्ली सरकार को भेजना होता है, जिसमें गठन की जानकारी दी जाती है। इस प्रस्ताव पर सरकार नोटिफिकेशन जारी करती है, जिसके बाद स्थायी समिति व अन्य कमेटियों का गठन हो जाता है और तीनों एमसीडी सुचारू काम करना शुरू कर देती है। लेकिन डेढ़ माह से अधिक का कार्यकाल गुजर जाने के बाद भी निगमों का काम शुरू नहीं हो पा रहा है।
असल में यह एक औपचारिक प्रस्ताव होता है, लेकिन सूत्र बताते हैं कि नॉर्थ एमसीडी ने इसमें अपने दो जोन सिटी व सदर-पहाड़गंज को एक करने और एक नया केशवपुरम जोन बनाने का संशोधन डाल दिया था। इसमें जोन तो पहले जितने छह ही रहते लेकिन सरकार ने उसे नहीं माना और उसे वापस नॉर्थ एमसीडी को भेज दिया, इसके साथ साउथ और ईस्ट एमसीडी के प्रस्ताव भी वापस लौटा दिए गए। उसका कारण यह है कि नियमानुसार तीनों प्रस्तावों पर दिल्ली सरकार द्वारा एक साथ नोटिफिकेशन जारी किया जाता है। इस मसले पर नॉर्थ एमसीडी प्रवक्ता वाईएस मान का कहना है कि दिल्ली सरकार द्वारा भेजे गए प्रस्ताव को संशोधित कर दोबारा सरकार को भेज दिया गया है। उम्मीद है कि जल्द ही सरकार उस पर नोटिफिकेशन जारी कर देगी, जिसके बाद तीनों एमसीडी का कामकाज सुचारू हो जाएगा।
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