दिल्ली सरकार की फाइलों की ‘जांच’ शुरू
|दिल्ली सरकार के आला अफसरों ने उन अधिकतर फाइलों को राजनिवास पहुंचा दिया है, जिन्हें पारित करने के लिए उपराज्यपाल से कथित तौर पर संस्तुति नहीं ली गई। राजनिवास ने इन फाइलों की ‘जांच’ गुरुवार से शुरू कर दी है। वैसे फाइलों का आना जारी है। माना जा रहा है कि इन फाइलों को जांचने के दौरान राजनिवास के अधिकारी सरकार के आला अफसरों को तलब भी कर सकते हैं।
हाई कोर्ट ने पिछले दिनों दिए गए अपने निर्णय में उपराज्यपाल को दिल्ली का मुखिया घोषित किया था और कहा था कि दिल्ली सरकार जो भी निर्णय लेती है, उसके लिए नियमानुसार राजनिवास की संस्तुति ली जानी आवश्यक है। कोर्ट के इस निर्णय के बाद उपराज्यपाल नजीब जंग ने गत 8 अगस्त को सरकार के आला अफसरों को पत्र लिखा था और आदेश दिया था कि वे सभी ऐसी फाइलों को राजनिवास भेजें, जिनको पारित करने के लिए उपराज्यपाल की इजाजत नहीं ली गई।
उपराज्यपाल ने यह भी कहा था कि इस मसले पर कोई असमंजस है, तो अधिकारी विधि विभाग से आधिकारिक तौर पर विचार करें और फाइलों के साथ विधि विभाग की जानकारी भी भेजें। उपराज्यपाल के इस आदेश के बाद सरकार के आला अधिकारी खासे व्यस्त हो गए थे और वह विभागों के प्रमुखों के साथ ऐसी फाइलों की खोजबीन में लग गए थे। माना जा रहा था कि ऐसी फाइलों में लिए गए निर्णयों पर सवाल खड़े हो सकते हैं और राजनिवास सीधे सरकार से भी जबाव-तलब कर सकता है।
राजनिवास से जुड़े सूत्रों के अनुसार राजनिवास तक फाइलें आ गई हैं। वैसे कुछ आला अफसरों ने अपनी फाइलें पहुंचाने के लिए 1-2 दिन का समय और मांगा है। फाइलें पहुंचाने की समय सीमा 17 अगस्त रखी गई थी। राजनिवास से जुड़े सूत्रों के अनुसार इन फाइलों की गुरुवार से जांच शुरू कर दी गई है और अगर उनमें कुछ खामियां पाई गईं, तो स्पष्टीकरण के लिए संबंधित अधिकारी को भी तलब किया जा सकता है। उसके बाद इन फाइलों पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
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