दिल्ली के ऐड से पंजाब के वोटरों को लुभा रहे केजरीवाल?

नई दिल्ली
दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार द्वारा इन दिनों अखबारों में दिए जा रहे विज्ञापन फिर चर्चा में हैं। शनिवार को लगातार दूसरे दिन केजरीवाल सरकार ने अखबारों में फुल पेज ऐड दिया है, जिनके केंद्र में सिख समुदाय है। शनिवार को दिल्ली सरकार ने बारापुला फ्लाइओवर का नाम बदलकर बाबा बंदा सिंह बहादुर सेतु रखने की घोषणा करते हुए ऐड दिया। खास बात यह है कि दिल्ली के साथ-साथ यह विज्ञापन पंजाब के अखबारों में भी दिया गया है।

केजरीवाल के इस ‘सिख प्रेम’ को अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से जोड़कर देखा जा रहा है। कांग्रेस और बीजेपी इसे पंजाब चुनावों के मद्देनजर किया गया प्रचार मान रही है, वहीं केजरीवाल पर दिल्ली के टैक्स दाताओं से हुई आय को लुटाने का आरोप भी लग रहा है। शनिवार को दिल्ली के अखबारों में आए इस फुल पेज ऐड के बाद केजरीवाल सरकार पर विपक्ष के हमले और तेज हो गए हैं।

पंजाब विधानसभा चुनावों को देख दिए जा रहे ऐड?
अरविंद केजरीवाल सरकार पर आरोप लग रहे हैं कि पंजाब में आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए इस तरह के विज्ञापन दिए जा रहे हैं। विवाद की शुरुआत शुक्रवार को दिए गए ऐड से हुई।

केजरीवाल सरकार ने पंजाबी भाषा को सशक्त बनाने का हवाला देता हुए एक ऐड दिया। इसमें दिल्ली के हर सरकारी स्कूल में एक पंजाबी शिक्षक रखने और पंजाबी शिक्षकों का वेतन बढ़ाने की घोषणा की गई। ऐड के आते ही कांग्रेस और बीजेपी ने केजरीवाल सरकार को घेर लिया।

बीजेपी ने आरोप लगाया कि इस तरह की घोषणाएं कर अरविंद केजरीवाल दिल्ली के लोगों के साथ भेदभाव कर रहे हैं। साथ ही दिल्ली के लोगों और पंजाबियों में मतभेद की स्थिति ला रहे हैं। बीजेपी नेता वीजेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकारी खजाने का दुरुपयोग कर रहे हैं।

अभी इस ऐड से जुड़ा विवाद खत्म भी नही हुआ था कि शनिवार को एक नया ऐड आ गया। इस ऐड में केजरीवाल सरकार ने बारापूला फ्लाइओवर का नाम बदलकर प्रसिद्ध सिख लड़ाके के नाम पर बाबा बंदा सिंह बहादुर सेतु करने की घोषणा की।

आम आदमी पार्टी इस तरह के ऐड से लगातार पंजाबी समुदाय का दिल जीतने की कोशिश कर रही है। बता दें कि अगले साल पंजाब में विधानसभा चुनाव होने हैं।

पंजाब विधानसभा चुनाव में AAP की कोशिश अकाली-बीजेपी गठजोड़ और कांग्रेस के इतर एक तीसरी ताकत के तौर पर उभरने की है। राजनीतिक जानकार इस ऐड स्ट्रैटिजी को इसी तरफ उठाए गए एक कदम के तौर पर ले रहे हैं।

प्रदेश कांग्रेस के नेता अजय माकन ने भी कहा है केजरीवाल टैक्स पेयर के पैसों को बर्बाद कर रहे हैं। दिल्ली सरकार का यह ऐड विवाद विशेष विधानसभा सत्र में भी उठा है। डेप्युटी सीएम मनीष सिसोदिया ने सदन को जानकारी दी कि पिछले सरकार दिल्ली सरकार ने विज्ञापनों पर 75 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इस नए वित्तीय वर्ष में भी सरकार 18 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है।

दिल्ली सरकार के ऐड विवाद की सीएजी जांच के बाबत बोलते हुए सिसोदिया ने कहा कि हम ऐसी किसी भी जांच का स्वागत करते हैं। साथ ही साथ उन्होंने जोड़ा कि सीएजी को दूसरे राज्य सरकारों के भी विज्ञापन खर्च की जांच करनी चाहिए। आम आदमी पार्टी ने पिछले लोकसभा चुनाव में पंजाब से चार सांसद जिताने में सफलता पाई थी। ऐसे में पार्टी को उम्मीद नजर आ रही है कि विधानभा चुनावों में वह बेहतर कर पाएगी।

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