दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड मिलने पर भावुक हुए मिथुन:कहा- लोग कहते थे, इंडस्ट्री में ये काला रंग नहीं चलेगा, भगवान से पूछता था मेरा रंग नहीं बदल सकता?
|8 अक्टूबर को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित हुई 70वीं नेशनल फिल्म अवॉर्ड सेरेमनी में मिथुन चक्रवर्ती को दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड दिया गया है। फिल्म जगत का सबसे गौरवपूर्ण सम्मान हासिल करने के बाद मिथुन ने मंच पर आकर भावुक स्पीच दी। उन्होंने बताया कि करियर की शुरुआत में उन्हें सांवले रंग के चलते ताने सुनने पड़े थे, हालांकि उन्होंने अपने डांस से पहचान बनाने का फैसला किया और देशभर में डिस्को डांसर कहलाए। मिथुन चक्रवर्ती को पहली फिल्म मृग्या के लिए पहला नेशनल अवॉर्ड मिला था। इस पर उन्होंने कहा, पहला अवॉर्ड मिलते ही मैं सोचने लगा था कि मैं अल पचीनो हूं और मैंने कुछ कमाल कर दिया है। मेरा एटीट्यूड बदल चुका था। मैं प्रोड्यूसर्स की ऑफिस में बैठकर जमाई लेता था। प्रोड्यूसर समझ नहीं पाता था कि मैं अल पचीनो की एक्टिंग कर रहा हूं। एक दिन मैंने एक प्रोड्यूसर से कहा था सुनो फिल्म की स्क्रिप्ट मेरे घर भेज देना। ये सुनते ही प्रोड्यूसर ने मुझे लात मारी और कहा, निकल यहां से। उस दिन से मैं अल पचीनो से कल पचीनो हो गया। मैं समझ गया कि मुझसे गलती हो गई, अब मुझे कोई काम नहीं देगा। मुझे लोगों ने एक्टर तो मान लिया था, लेकिन मेरे साथ जो सबसे बड़ी प्रॉब्लम थी वो थी मेरा कॉम्प्लेक्शन। लोग कहते थे कि फिल्म इंडस्ट्री में ये काला रंग नहीं चलेगा। तुम इधर क्या कर रहे हो, वापस जाओ। मैं रास्ते में जाता था, तो लोग मुझे कालिया और वो सब कहते थे, जिससे आदमी का अपमान किया जा सके। आगे एक्टर ने कहा, मैं सोचने लगा कि मैं करूं क्या। मैं भगवान से पूछता था कि भगवान तू मेरा ये रंग चेंज नहीं कर सकता। लेकिन भगवान वो रंग नहीं बदल सकता था। मैं सोचने लगा कि मैं करूं क्या। तो मैंने सोचा कि मैं तो डांस कर सकता हूं। मैं डांस कर सकता हूं तो मैं ऐसा डांस करूं मेरे पैरों से कि लोग मेरे पैरों को देखें, मेरी स्किन को न देखें, मेरे कलर को न देखें। मैंने ठीक ऐसा ही किया। मेरी फिल्म देखिए सब फिल्मों में मैंने पैरों से डांस किया। रुकने नहीं दिया। लोग मेरे रंग को भूल गए और मैं बन गया सेक्सी डस्की बंगाली बाबू। मैं बहुत शिकायत करता था भगवान से, क्योंकि मेरी जिंदगी में मुझे कुछ भी प्लेटर पर नहीं मिला, बहुत स्ट्रगल करके मिला है। तो मैं भगवान से कहता था, तूने नाम दिया, शोहरत दी, तो इतनी तकलीफ क्यों दे रहा है। बहुत शिकायत करता था। तो एक दिन मैं सोच रहा था कि शायद यही तरीका होगा, लेकिन ऐसा तरीका नहीं था। आज ये अवॉर्ड मिलने के बाद मैंने शिकायत करना छोड़ दिया। मैंने कहा थैंक्यू भोले नाथ, थैंक्यू गुरु शिव। अब मैं शिकायत नहीं करूंगा, क्योंकि आपने मुझे सूद के साथ सब कुछ वापस कर दिया है। ____________________________ नेशनल अवॉर्ड से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें- 70वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड:प्लास्टर बांधकर दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड लेने पहुंचे मिथुन चक्रवर्ती, कांतारा फेम ऋषभ शेट्टी को बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड नई दिल्ली के विज्ञान भवन में मंगलवार को 70वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड दिए गए। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सभी विजेताओं को अवॉर्ड और सम्मान दिया। मिथुन चक्रवर्ती को इस साल फिल्म जगत के सबसे गौरवपूर्ण दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। वो हाथ में प्लास्टर पहने अवॉर्ड सेरेमनी का हिस्सा बने। पूरी खबर पढ़ें…