थाईलैंड: पूर्व पीएम यिंगलक के खिलाफ अरेस्ट वॉरंट जारी

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थाईलैंड की पूर्व प्रधानमंत्री यिंगलक शिनावात्रा लापरवाही के एक मामले में सुनवाई के लिए अदालत में हाजिर नहीं हुयीं। इस मामले में उन्हें जेल की सजा हो सकती थी, जिसके बाद अदालत ने उनके देश छोड़कर भागने की आशंका के मद्देनजर गिरफ्तारी वॉरंट जारी कर दिया।

थाईलैंड की पहली महिला प्रधानमंत्री की एक झलक पाने के लिये उनके हजारों समर्थक आज इंतजार कर रहे थे, लेकिन वह दिखाई नहीं दीं। इसके बाद आशंकाएं जताई जाने लगीं कि कहीं वह आत्म निर्वासन में रह रहे अपने अरबपति भाई थाक्सिन के पास तो नहीं चली गईं। उनके वकील ने बताया कि वह बीमार हैं और फैसले में उन्होंने देरी करने के लिए कहा है। हालांकि, अदालत ने इस बात पर यकीन नहीं किया कि वह बीमार हैं और उनके खिलाफ वॉरंट जारी करने का निर्णय किया।

मुख्य न्यायाधीश चीप चुलामोन ने इस मामले की सुनवाई 27 सितंबर को निर्धारित करते हुए आशंका जताई कि वह देश छोड़कर जा सकती हैं। 2014 में सैन्य तख्तापलट के जरिए यिंगलक की सरकार को हटा दिया गया था। अगर चावल राजसहायता नीति में लापरवाही के मामले में उन्हें दोषी ठहराया जाता है, तो उन्हें 10 साल की जेल की सजा और राजनीति से जीवन भर के लिए प्रतिबंधित किया जा सकता है।

शिनावात्रा के वकील नॉरवाइट लार्लेंग ने अदालत से बाहर मीडिया से कहा, ‘मैंने अदालत को सुबह 8 बजे ही बता दिया था कि वह मेनियार्स से पीड़ित हैं और उन्हें चक्कर आ रहे हैं, इसलिए उन्होने अदालत से सुनवाई स्थगित करने की अपील की है।’ यह पूछे जाने पर कि क्या यिंगलक थाईलैंड में ही हैं, उनके वकील ने कहा, ‘मुझे पता नहीं है।’

यिंगलक के भाई थाक्सिन शिनावात्रा थाईलैंड के पूर्व प्रधानमंत्री हैं। भ्रष्टाचार का दोषी ठहराए जाने और दो साल की जेल की सजा सुनाए जाने के बाद वह साल 2008 में देश छोड़कर चले गए थे। उसके बाद से वह वापस नहीं लौटे। उनका थाईलैंड का पासपोर्ट भी निरस्त किया जा चुका है।

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