तेज हुई ‘जंग’, दिल्ली सरकार ने बुलाया आपातकालीन सत्र
| तय कार्यक्रम से हिसाब से दिल्ली विधानसभा का सत्र जून में आयोजित होना था। गौरतलब है कि सरकारी अफसरों की नियुक्ति और ट्रांसफर के मामले में एलजी नजीब जंग और सीएम अरविंद केजरीवाल के बीच जबर्दस्त टकराव चल रहा है। यह टकराव उस समय और अधिक बढ़ गया जब सीएम केजरीवाल की मर्जी के खिलाफ एलजी ने शकुंतला गैमलीन को राज्य का कार्यकारी चीफ सेक्रटरी नियुक्त कर दिया। इस मसले पर केजरीवाल ने राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से भी हस्तक्षेप की मांग की। मामला बढ़ता देख गृह मंत्रालय ने नोटिफिकेशन जारी कर साफ कर दिया कि दिल्ली में उप राज्यपाल के पास ताकत है कि वह किसी भी अधिकारी की नियुक्ति बिना सीएम से पूछे कर सकता है। इस नोटिफिकेशन में कहा गया कि पुलिस, प्रशासन और जमीन के विषय में उप राज्यपाल के पास पूर्ण शक्ति है। नोटिफिकेशन में एलजी और दिल्ली के सीएम के अधिकारों को साफ तौर पर बताया गया है। इसके मुताबिक केंद्र सरकार से जुड़े अफसरों की पोस्टिंग और ट्रांसफर के मामले में पहला अधिकार एलजी के पास है। इस नोटिफिकेशन को लेकर केजरीवाल ने सीधे पीएम मोदी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। अब सीएम केजरीवाल के दिल्ली विधानसभा का आपातकालीन सत्र बुलाए जाने से यह साफ संकेत मिले हैं कि एलजी और सीएम के बीच ताकत और अधिकारों की जंग अब और तेज होने वाली है। मोदी सरकार के एक साल Vs 100 दिन
दिल्ली में आप सरकार और उप राज्यपाल नजीब जंग के बीच जंग और तेज हो सकती है। एलजी के अधिकारों को प्रमुखता देने वाले गृह मंत्रालय के नोटिफिकेशन के बाद केजरीवाल सरकार ने शनिवार को दिल्ली विधानसभा का आपातकालीन सत्र बुलाया है। मंगलवार से शुरू हो रहे दो दिवसीय सत्र में एलजी को अधिक ताकत देने वाले नोटिफिकेशन पर चर्चा की जाएगी।
अरविंद केजरीवाल मोदी सरकार के एक साल और आप सरकार के 100 दिनों की तुलना का भी अभियान चला रहे हैं। केजरीवाल ने गुरुवार को कहा कि बीजेपी तीन विधायकों के दम पर दिल्ली में भी अपनी सरकार चलाना चाहती है। एलजी के साथ टकराव में जनता का समर्थन हासिल करने और अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनवाने के मकसद से अरविंद केजरीवाल 25 मई को APP सरकार के 100 दिन पूरे पर शाम 5 बजे कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क में एक ओपन कैबिनेट मीटिंग का आयोजन करेंगे।
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