तुर्की तख्तापलट: 190 लोग मरे, राष्ट्रपति भी घिरे
|तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तयीप एर्दुवां ने शनिवार को देश पर अपने नियंत्रण की घोषणा कर दी। राष्ट्रपति के वफादार मिलिटरी और पुलिस बलों ने तख्तापलट की कोशिश को नाकाम कर दिया। तुर्की में आर्मी के कुछ असंतुष्ट धड़ों ने शुक्रवार रात ब्लास्ट, हवाई हमला और गनफायर करते हुए देश पर अपने कंट्रोल की घोषणा कर दी थी। प्रेजिडेंट एर्दुवां ने अपने समर्थकों से कहा कि जिन्होंने तख्तापलट की साजिश रची उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
तुर्की में इस राजनीतिक संकट के बीच एर्दुवां की आलोचना भी की जा रही है। आलोचकों का कहना है कि राष्ट्रपति वहां तानाशाह की तरह शासन कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि उन्होंने विपक्ष को बिल्कुल जगह नहीं दी है और न ही मीडिया को स्वतंत्रता है। इसके साथ ही दक्षिणी-पूर्वी तुर्की में कुर्दिश विद्रोह पर दमनात्मक कार्रवाई की जा रही है। तुर्की आर्मी के नवनियुक्त कार्यवाहक आर्मी चीफ जनरल उमित दुंदार ने कहा कि 190 से ज्यादा लोगों की अब तक मौत हो चुकी है। मरने वालों में 41 पुलिस ऑफिसर, 47 नागरिक और 104 तख्तापलट की रणनीति तैयार करने वाले हैं।
दुंदार ने कहा कि एयर फोर्स, मिलिटरी पुलिस और बख्तरबंद यूनिट्स तख्तापलट में शरीक थे। उन्होंने कहा कि देश भर से 1,500 मिलिटरी कर्मियों को अरेस्ट किया गया है। सरकारी न्यूज एजेंसी अनादोलु का कहना है कि 1,100 लोग जख्मी हुए हैं।
कई घंटों की अफरातफरी और हिंसा के बाद राष्ट्रपति ने इसके बारे में अनश्चितता खत्म की कि वह कहां हैं। वह सुबह के समय विमान से इस्तांबुल एयरपोर्ट पहुंचे और सैकड़ों समर्थकों ने उनका स्वागत किया। शुक्रवार देर रात सैनिक और टैंक सड़कों पर उतर आए और आठ करोड़ की आबादी वाले इस देश के दो सबसे बड़े शहरों अंकारा और इस्तांबुल में सारी रात धमाके होते रहे। तुर्की नेटो का सदस्य है।
तख्तापलट की कोशिश के विफल होने के बाद आधिकारिक समाचार एजेंसी कहा कि तुर्की के बड़े शहरों में रातभर हुई हिंसा में 190 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। अधिकारियों ने तख्तापलट की कोशिश नाकाम होने का दावा करते हुए कहा कि 1,560 से अधिक अधिकारियों को पकड़ा है। करीब 200 निहत्थे सैनिकों ने तुर्क सैन्य मुख्यालय में समर्पण करा दिया है।
एर्दुवां ने कहा कि उथल-पुथल खत्म होगी और सत्तारूढ़ जस्टिस ऐंड डिवेलपमेंट पार्टी (एकेपी) के समर्थकों की भीड़ इसे विफल करने के लिए सडकों पर उतर आई। उन्होंने तख्तापलट के प्रयास की निंदा की और इसे ‘विश्वासघात’ बताया। उन्होंने कहा कि वह अपने काम कर रहे हैं और ‘अंत तक’ काम करना जारी रखेंगे। उन्होंने एयरपोर्ट पर कहा, ‘जो भी साजिश रची जा रही है, वह देशद्रोह और विद्रोह है । उन्हें देशद्रोह के इस कृत्य की भारी कीमत चुकानी होगी।’ उन्होंने कहा, ‘हम अपने देश को उस पर कब्जे की कोशिश कर रहे लोगों के हाथों में नहीं जाने देंगे।’
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