तीन विधायकों और एलजी के जरिए दिल्ली में राज करना चाहती है केंद्र: केजरीवाल

नई दिल्ली

दिल्ली की जंग में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अब उपराज्यपाल नजीब जंग के साथ केंद्र सरकार पर हमला बोल दिया है। शुक्रवार को उन्होंने कहा कि बीजेपी अपने तीन विधायकों और उपराज्यपाल के जरिए पिछले दरवाजे से दिल्ली में राज करना चाहती है। केजरीवाल ने आरोप लगाया कि नजीब जंग तो सिर्फ मोहरा है, सारे आदेश ऊपर से आ रहे हैं। उन्होंने उपराज्यपाल के अधिकारों को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना को केंद्र सरकार के खौफ का नतीजा बताया।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन महीनों में हमने ट्रांसफर-पोस्टिंग उद्योग का खात्मा कर दिया और मोदी सरकार की तमाम अड़चनों के बावजूद दिल्ली में बहुच अच्छी सरकार चल रही हैं। केजरीवाल ने आरोप लगाया कि केंद्र दिल्ली में अपनी पसंद के ऑफिसर चाहती है। उन्होंने कहा, ‘केंद्र ने गजट अधिसूचना जारी की क्योंकि वह दिल्ली में तबादलों, नियुक्तियों पर नियंत्रण करना चाहता है। ट्रांसफर-पोस्टिंग से पैसे बनते हैं, इसलिए यह शक्ति अपने हाथ में ले ली है। हम गजट अधिसूचना का संविधान विशेषज्ञों द्वारा अध्ययन करा रहे हैं और उसके अनुसार आगे की कार्रवाई करेंगे।’

उन्होंने कहा, ‘उपराज्यपाल ने कभी यह नहीं पूछा कि दिल्ली में बिजली-पानी की स्थिति कैसी है, लेकिन ट्रांसफर-पोस्टिंग अपने हाथ में रखना चाहते हैं।’ केजरीवाल ने कहा कि कुछ तो गड़बड़ है, दिल्ली सरकार अच्छा काम कर रही है इसलिए केंद्र सरकार बौखलाई हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र ने अधिसूचना के जरिए दिल्ली की जनता की पीठ में छुरा मारा है और वह दल्ली सरकार चलाने की कोशिश कर रहा है।

गौरतलब है कि इससे पहले उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच बढ़ते टकराव के बीच गृह मंत्रालय की ओर से जारी गजट अधिसूचना में कहा गया था कि नजीब जंग के लिए नौकरशाहों की नियुक्ति जैसे मामले में मुख्यमंत्री से सलाह मशविरा करना अनिवार्य नहीं है। अधिसूचना में कहा गया है, ‘उपराज्यपाल के पास सेवा, लोक व्यवस्था, पुलिस और भूमि से जुड़े मामलों में क्षेत्राधिकार होगा और वह सेवाओं से जुड़े विषयों में अपने ‘विवेक’ का उपयोग करके जरूरत पड़ने पर मुख्यमंत्री से सलाह-मशविरा कर सकते हैं।’

इसमें कहा गया कि यह पूर्णत: स्थापित है कि जहां कोई विधायी शक्ति नहीं होती है, वहां कोई कार्यकारी शक्ति भी नहीं होती है क्योंकि कार्यकारी शक्ति विधायी शक्ति के साथ चलती है। अधिसूचना के अनुसार, लोक व्यवस्था, पुलिस, भूमि और सेवा दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की विधानसभा के दायरे से बाहर है और इसलिए दिल्ली की एनसीटी सरकार के पास इन विषयों पर कोई कार्यकारी शक्ति नहीं है। केंद्र की इस अधिसूचना के साथ ही दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच टकराव और बढ़ने के आसार हैं।

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